महाराष्ट्र: विषम परिस्थिति में फंस गई शिवसेना
महाराष्ट्र में सत्ता गठन चल रहे सियासी संग्राम ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए भाजपा की 30 साल की दोस्ती तोड़ने वाली शिवसेना को अजीब संकट में फंसा दिया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक और सोनिया को फोन लगाने के बाद भी उद्धव सोमवार को तय समय में राज्यपाल को दोनों दलों के समर्थन की चिट्ठी नहीं सौंप पाए। अब सारी नजरें शरद पवार पर टिकी हैं। राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया है। उसे आज रात 8:30 बजे तक समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपना है। इस पूरे सियासी नाटक में शिवसेना अजीबोगरीब स्थिति में है। एनसीपी के साथ गठबंधन पर न तो वह सीएम की कुर्सी की जिद छोड़ सकती है, न ही उसके सामने भाजपा के पास लौटने का सम्मानजनक विकल्प बचा है। दरअसल, विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा-शिवसेना में सीएम पद को लेकर हुई नोकझोंक का खेल एनसीपी अब तक आराम से देख रही थी। लेकिन अब उसके पास अपनी बिसात बिछाने का मौका आ गया है और आज से वह एक्शन मूड में दिखेगी। सोमवार शाम में एनसीपी के लिए उसके नेता अजीत पवार के पास राजभवन से सरकार गठन के लिए कॉल आया, जिसके बाद उन्होंने गवर्नर बीएस कोश्यारी से मुलाकात की थी।
जब अजीत पवार राजभवन से बाहर निकले तो उनके हाथ में एक पत्र था, जिसमें राज्यपाल ने उनकी पार्टी (एनसीपी) से सूबे नई सरकार गठन के बारे में पूछा है। एनसीपी को राजभवन से 24 घंटे का समय मिला है। ऐसे में एनसीपी के पास आज शाम तक अपने पत्ते खोलने का सही समय है। हालांकि एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा, 'अभी हम यह दावा नहीं कर रहे कि एनसीपी को शिवसेना और कांग्रेस का साथ चाहिए।' उन्होंने कहा, 'मैं अभी यह नहीं कह सकता कि शिवसेना हमारी तरफ सपॉर्ट का हाथ आगे बढ़ाएगी।' हालांकि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि हमें लगता है कि अभी तक राजभवन ने शिवसेना के दावे को खारिज नहीं किया है। वहां से बस समर्थन पत्र देने के लिए मांगी गई मोहलत को आगे नहीं बढ़ाया है। हमारे विचार में, शिवसेना का दावा अभी भी मान्य है और जैसे ही शिवसेना समर्थन के कागजात लेकर वहां पहुंचेगी तो राज्यपाल उसे मना नहीं करेंगे।
कांग्रेस के महासचिव अविनाश पांडे ने शिवसेना को सरकार गठन के लिए समर्थन देने की बात पर सोमवार को कहा था, 'अभी हमें लगता है कि शिवसेना को सरकार बनाने के लिए सपॉर्ट करने का निर्णय लेने से पहले हमें इस पर थोड़े और मंथन की जरूरत है। खासतौर से गठबंधन की नियम व शर्तों को लेकर।' हालांकि पांडे ने यह कहकर नई सरकार की उम्मीद भी बढ़ाई कि हमें पूरी उम्मीद है कि हम शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की नई सरकार बनाएंगे। हमने उनके प्रस्ताव को नामंजूर नहीं किया है।' सोमवार शाम में शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे, पार्टी के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे राजभवन पहुंचे थे, जहां दोनों नेता राज्यपाल कोश्यारी को नई सरकार के लिए अपना समर्थन पत्र देने गए थे। इस मौके पर आदित्य ठाकरे ने साफ किया कि पार्टी के पास सरकार गठन के लिए जरूरी विधायकों का समर्थन है लेकिन उन्हें कुछ और समय चाहिए। हालांकि ठाकरे यहां गवर्नर के पास विधायकों का समर्थन पत्र पेश नहीं कर पाए और कोश्यारी ने उनके द्वारा मांगे गए और समय की मांग को खारिज कर दिया।
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