शिवसेना को समर्थन को लेकर असमंजस में हैं कांग्रेस-एनसीपी
एक तरफ तो कांग्रेस-एनसीपी ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की जमकर आलोचना की है वहीं दोनों पार्टियां शिवसेना को समर्थन के मुद्दे पर मंगलवार शाम तक कोई निर्णय नहीं ले पाईं हैं।
प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद कांग्रेस-एनसीपी की साझा प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, एनसीपी नेता शरद पवार की मौजूदगी में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा हुई, 11 नवंबर को शिवसेना ने पहली बार हमसे संपर्क किया था, हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जल्द ही कोई फैसला लेंगे।
वहीं, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि जिस तरीके से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की गई है मैं उसकी आलोचना करता हूं, सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन है, इस सरकार पिछले 5-7 साल में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन नहीं मानी और मनमानी की है। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल से पहले बीजेपी, फिर शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता मिला, लेकिन कांग्रेस को सरकार बनाने का कोई न्योता नहीं मिला।
नेशन रीजनल वेस्ट
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