मुख्यमंत्री ने जब डिमरापाल आश्रम के बच्चों की इच्छा की पूरी बच्चों को घुमाया पूरा मुख्यमंत्री निवास
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज जन चैपाल भेंट मुलाकात में पद्मश्री धरमपाल सैनी के नेतृत्व में डिमरापाल आश्रमों के बच्चों ने सौजन्य मुलाकात की । इन बच्चों ने मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल से उनका निवास घूमने की इच्छा प्रकट की। श्री बघेल ने बच्चों की इस बालसुलभ इच्छा को तुरंत ही पूरी की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी बच्चों को हरे.भरे परिवेश में स्थित मुख्यमंत्री निवास को अंदर से पूरा घुमाया गया। इन बच्चों ने बड़ी ही उत्सुकता के साथ मुख्यमंत्री निवास में स्थित गौशाला बाड़ी डिस्पेंसरी कैबनेट कक्ष और कार्यालय आदि को देखा। बालिका बसंती कवासी ने कहा कि गांव के घरों की तरह ही मुख्यमंत्री निवास में भी बाड़ी देखने को मिली। गांव के घरों की तरह ही यहां गौशाला है। पहली बार रायपुर आयी बालिका वनिता कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री जी से मिलकर और उनका घर देखकर बहुत ही अच्छा लगा। मुख्यमंत्री ने इसके पहले बड़ी ही आत्मीयता और अपनत्व के साथ श्री धर्मपाल सैनी और बच्चों से मुलाकात की। श्री बघेल ने बच्चों से पूछा कि वे कहां जा रहा है बच्चों ने बताया कि वे वर्धा आचार्य विनोवा भावे जी के आश्रम पवनार जा रहे है। मुख्यमंत्री ने बच्चों से विनोवा भावे जी के बारे में भी पूछा तो बच्चों ने बताया कि वे गांधी जी के शिष्य थे और उन्होंने भू.दान आंदोलन प्रारंभ किया था। श्री बघेल को बच्चों ने यह भी बताया कि वे तीन दिन तक पवनार आश्रम में रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उनकी यात्रा के लिए शुभाकामनाएं दी।
डिमरापाल के ये बच्चे भू भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोवा भावे के वर्धा पवनार स्थित आश्रम जा रहे हैं जहां 14-15-16 नवंबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आचार्य विनोबा भावे जी के आदर्शों और सिद्धांतों पर कार्य करने वाली सामाजिक संस्थाओं का सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। पूरे देश के बच्चे इस सम्मेलन में शामिल होने वर्धा जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के लगभग 190 बच्चे आश्रमों के शिक्षकों के साथ वर्धा जा रहे हैं। इस अवसर पर पद्मश्री सम्मान प्राप्त श्री धर्मपाल सैनी भी उपस्थित थे। श्री धर्मपाल सैनी पिछले 40 वर्षों से बस्तर संभाग में माता रुक्मणी सेवा संस्थान डिमरापाल के आश्रम सहित विभिन्न क्षेत्रों में 37 आश्रमों का संचालन कर रहे हैं । जिनमें 3000 बच्चे अध्ययनरत हैं। श्री सैनी आदिवासी बच्चियों को तीरंदाजी एथलेटिक मैराथन फुटबॉल जैसे खेलों में भी प्रशिक्षण देकर तैयार कर रहे हैं । इनके संस्थान की तीन लड़कियां वर्ष 2020 में 17 वर्ष से कम आयु की महिला विश्व कप फुटबॉल के लिए भारत की टीम के चयन हेतु ट्रायल के लिए चयनित हुई हैं। ट्रायल के लिए पश्चिम बंगाल के कल्याणी में कैंप आयोजित किया गया है। सैनी ने बताया कि मैराथन और एथलेटिक स्पर्धा में उनके आश्रम की छात्राएं बड़ी संख्या में हिस्सा लेती हैं और पुरस्कार भी जीतते हैं। अनुमान के अनुसार वर्ष 2004 से अब तक पुरस्कार राशि के रूप में लगभग 30 लाख रूपए की राशि अब तक इन खिलाडियों को मिल चुकी है। फुटबॉल की अंतर्राष्ट्रीय सुब्रतो कप प्रतियोगिता में पिछले 6 वर्षों से बस्तर की बच्चियां जा रही हैं । इसी तरह प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर खेलों में बड़ी संख्या में इन आश्रमों के बच्चे शामिल होते हैं और पदक हासिल करते हैं।