कोर्ट में सीबीआई ने कहा, शनिधाम के संस्थापक दाती के खिलाफ जांच पूरी
शनिधाम के संस्थापक दाती मदनलाल 'राजस्थानी' के खिलाफ रेप मामले में सीबीआई अपनी जांच की फाइनल रिपोर्ट के साथ पूरी तरह तैयार है। हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले में आगे की जांच करने वाली इस एजेंसी ने अदालत में यह दावा किया। सीबीआई ने अदालत में कहा कि उसने मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है और चार्जशीट भी तैयार हो चुकी है। कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं, जिनके पूरा होते ही वह अपनी फाइनल रिपोर्ट अदालत को सौंप देगी। अडिशनल सेशन जज हरीश दुरानी ने अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख तय की। कोर्ट ने उम्मीद जताई कि इससे पहले उसकी रिपोर्ट अदालत के समक्ष होगी। इस बीच, अदालत ने मामले में देरी के लिए सीबीआई की खिंचाई भी की। हाई कोर्ट ने पिछले साल 3 अक्टूबर को यह केस दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच से लेते हुए सीबीआई को सौंपा था। कोर्ट ने एजेंसी से कहा था कि वह मामले में आगे की जांच कर संबंधित कोर्ट के सामने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करे। इससे पहले क्राइम ब्रांच ने पिछले साल 1 अक्टूबर को दाती और उसके तीन भाइयों-अशोक, अनिल और अर्जुन के खिलाफ रेप, अप्राकृतिक शारीरिक संबंध और धमकाने के आरोपों में अपनी चार्जशीट अदालत में दायर की थी। उसी साल 20 दिसंबर को अदालत ने इन आरोपों पर संज्ञान लिया। अदालतों में सर्दियों की छुट्टी के दौरान ही ये चारों आरोपी नियमित जमानत लेने में कामयाब रहे। उन्हें मामले की जांच के दौरान भी कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में दो महिला आश्रमकर्मियों-श्रद्धा पुरी उर्फ नीतू और मीना जोशी को भी आरोपी बनाया गया है। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। हालांकि, सीबीआई के पूरक आरोपपत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) के इंतजार में केस की कार्यवाही महीनों से लटकी पड़ी है। केस में देरी से वह 24 साल की लड़की बेसब्र होती दिख रही है, जो इंसाफ की आस लेकर दाती जैसे एक प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ अदालत में खड़ी है। उसने अपनी इस निराशा का इजहार सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे एक लेटर में किया। पिछले साल 7 जून को दाती के खिलाफ रेप के आरोप में दर्ज कराई गई लड़की की शिकायत पर पुलिस ने 11 जून को एफआईआर दर्ज की थी।
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