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छात्र ने कहा कोई नया शब्‍द बताओ, थरूर ने कहा पढ़ो, पढ़ो और खूब पढ़ो

 छात्र ने कहा कोई नया शब्‍द बताओ, थरूर ने कहा पढ़ो, पढ़ो और खूब पढ़ो

  छात्र ने कहा कोई नया शब्‍द बताओ, थरूर ने कहा पढ़ो, पढ़ो और खूब पढ़ो
 शशि थरूर का नाम सुनते ही हमारे ज़ेहन में उनके शानदार भाषण और उससे भी शानदार अंग्रेजी घूमने लगती है। तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर की बेहतरीन अंग्रेजी देखकर हम लोग यही सोचते हैं कि वह शायद कुछ ज्‍यादा ही डिक्‍शनरी पढ़ते होंगे। लेकिन कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बच्चे के सावाल का जवाब देते हुए बताया कि उन्हें बचपन में लगी पढ़ने की आदत ने ही उनका शब्दज्ञान विकिसित करने में मदद की है, जिसने आगे चल कर उनके भीतर गहरे भाषाई संस्कार विकसित किए। 
हाल ही में थरूर एक कॉलेज प्रोग्राम में शामिल हुए थे और उसी दौरान एक छात्र ने उनसे उनके शानदार शब्‍दकोश में से एक नया शब्‍द बताने के लिए कहा। इस घटना का जिक्र खुद थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए किया और बताया कि उन्‍होंने उस छात्र को क्‍या जवाब दिया। शशि थरूर ने कहा मैं आपको बहुत ही साधारण और पुराना शब्‍द बताऊंगा। सिर्फ इसी तरह से मैंने अपने शब्‍दकोश को बनाया है। 
उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि मैं कोई बेवकूफ हूं जो पूरा दिन डिक्‍शनरी पढ़ता रहता है। मैंने अपनी जिंदगी में शायद ही कभी डिक्‍शनरी खोली हो, लेकिन मैंने विस्‍तृत रूप से पढ़ा जरूर है। अगर आप खूब पढ़ते हैं तो विस्‍तार में पढ़ते हैं और एक ही शब्‍द के मायने तीन किताबों में अलग-अलग होते हैं और आप इस तरह उसका मतलब भी समझ जाते हैं और जल्‍द ही उसका इस्‍तेमाल करना भी आ जाता है। थरूर ने यह भी कहा मैं ऐसा इसलिए हूं क्‍योंकि निस्‍संदेह मैं आप सभी लोगों से ज्‍यादा फायदे में रहा। 
उन्होंने कहा कि मैं ऐसे भारत में रहा जहां न टीवी था, न कम्‍प्‍यूटर था, न निनटेंडो था, न प्‍ले स्‍टेशन था और न ही मोबाइल फोन थे। और मुझे अस्‍थमा भी था तो सांस में लेने में दिक्‍कत होने की वजह से ज्यातर बेड पर ही होता था। मेरे पास सिर्फ किताबें होती थीं, किताबें मेरा बचाव थीं, किताबें मेरी शिक्षा थीं। और क्‍योंकि मैं पढ़ता था, मैं अपनी उम्र से ज्‍यादा पढ़ता था। मेरा दिमाग ऐसे ही विकसित हो गया और उसके साथ ही मेरा शब्‍दकोश भी समृद्ध होता चला गया। इसलिए आप सभी को मेरी सिर्फ एक ही सलाह है- पढ़ो, पढ़ो और खूब पढ़ो। उन्‍होंने कहा आप जितना पढ़ेंगे, आपका शब्‍दकोश भी उतना ही समृद्ध होता जाएगा। बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि शशि थरूर ने हम सभी को एकादम सटीक सलाह दी है।


 

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