छोटे अनिल अंबानी की कंपनी खरीदने में इच्छुक नहीं मुकेश अंबानी
आरकॉम को खरीदने में 6 कंपनियों ने दिखाई रुचि
भारती एयरटेल, भारती इंफ्राटेल और प्राइवेट इक्विटी कंपनी वेर्दे पार्टनर्स इंक सहित 6 कंपनियों ने दिवालिया कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और उसकी सब्सिडियरी रिलायंस टेलिकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल की संपत्तियों को खरीदने के लिए बोली लगाई है, लेकिन हैरत की बात यह है कि रेस में रिलायंस जियो इंफोकॉम शामिल नहीं है। कहा जा रहा था कि जियो ने बोली लगाने के लिए आरकॉम के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) से 10 दिनों की मोहलत मांगी थी, जबकि इसकी डेडलाइन 11 नवंबर को खत्म हो गई। सूत्र ने यह जानकारी दी है। आरकॉम को कर्ज देने वाले बैंकों की समिति (सीओसी) 13 नवंबर को ये बोलियां खोलेगी। नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल डेलॉयट को आरकॉम और उसकी दो इकाइयों का कामकाज देखने को कहा है। इस मामले का निपटारा 10 जनवरी तक करने का निर्देश भी दिया है। इसी साल पहले जियो सहित करीब दर्जनभर कंपनियों ने आरकॉम और उसकी इकाइयों के लिए अभिरुचि पत्र दायर किया था। आरकॉम और उसकी इकाइयों पर 46 हजार करोड़ का कर्ज है और अभी दिवालिया अदालत के माध्यम उनकी संपत्ति बेचकर इसकी रिकवरी की कोशिश हो रही है। इन कंपनियों की संपत्ति में स्पेक्ट्रम,टावर,फाइबर आदि शामिल हैं, जिनके लिए बोली लगी है। आरकॉम के पास देश के 22 सर्किल में से 14 में स्पेक्ट्रम हैं। उसके पास 43 हजार टेलिकॉम टावर हैं, जिन्हें वह रिलायंस इंफ्रोटेक के तहत ऑपरेट कर रही थी।कंपनी के पास रियल एस्टेट एसेट्स भी हैं। इस बीच, आरकॉम का दूरसंचार विभाग और अन्य ऑपरेशनल क्रेडिटर्स के साथ कानूनी विवाद भी चल रहा है। माना जा रहा है कि इन सभी ने कंपनी पर 90 हजार करोड़ का दावा किया है। जियो पहले आरकॉम के वायरलेस बिजनस को खरीदने के करीब पहुंच गई थी, लेकिन दूरसंचार विभाग के स्पेक्ट्रम की लायबिलिटी पर तस्वीर साफ करने की मांग से डील टूट गई। इसके बाद आरकॉम ने खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी दी।
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