सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के मामले में आए फैसले को लेकर दाखिल सभी पुनर्विचार याचिकाओं (रिव्यू पिटिशंस) पर खुली सुनवाई करने का निर्णय लिया। मंगलवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने अपने चैंबर में सुनवाई करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण की तरफ से दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई का फैसला लिया। इस मामले में कोर्ट ने आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह की अपने वकील धीरज सिंह के जरिए दाखिल की गई याचिका को भी अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए शामिल किए जाने की अनुमति दे दी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 को अपने निर्णय में उन याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिनमें फ्रांस के साथ 36 विमानों की सरकारी खरीद के सौदे को चुनौती दी गई थी। इस निर्णय के 1 दिन बाद केंद्र सरकार ने कोर्ट से उसमें संशोधन कर कैग रिपोर्ट और संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) की रिपोर्ट का हवाला दिए जाने को हटाए जाने की गुहार लगाई थी। इसी आधार पर सिन्हा, शौरी, भूषण और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सरकार पर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए पुनर्विचार याचिकाएं दाखिल की थीं।