मधुमेह दिवस: लेजर तकनीक से मरीजों को मिल सकती है राहत (14पीआर08ओआई)
देश में मधुमेह पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स बेहद गंभीर है। इसी क्रम में एम्स ने पिछले दो सालों में मधुमेह से राहत दिलाने के संबंध में कई तकनीक और जानकारी हासिल की है। एम्स के जेरिएट्रिक विभाग के डॉक्टरों ने मधुमेह से ग्रस्त बुजुर्ग मरीजों की लेजर तकनीक से पीड़ा दूर करने की तकनीक इजाद की है। डॉक्टरों ने अध्ययन में 40 मरीजों को शामिल किया था। अनियंत्रित मधुमेह से पीड़ित बुजुर्गों में पांव में दर्द होता है। एम्स के प्रोफेसर प्रसून चटर्जी का कहना है कि बिना सर्जरी दवाओं और लेजर तकनीक से मरीजों को इससे राहत दिलाई जा सकती है। वहीं, एम्स के दूसरे शोध में मधुमेह रोगियों को योग से लाभ मिलता है। शोध में सामने आया कि सूर्य नमस्कार जैसे कई योगासन मेटाबोलिज्म में सुधार लाते हैं और मधुमेह रोगियों को फायदा पहुंचाता है। एम्स के बाहर दक्षिण पुरी में एम्स के अर्बन हेल्थ सेंटर में पहला योग मॉडल सेंटर शुरू किया गया है। एम्स के डॉ. पुनीत ने बताया कि योग और ध्यान के नौ ऐसे मॉड्यूल तैयार किए गए हैं, जो मधुमेह नियंत्रण में मददगार होंगे। वहीं, अब तक की शोध में इससे आंख, दिल व किडनी की बीमारी पर ध्यान दिया गया है। लेकिन, एम्स ने टाइप 4 डायबिटिज को ग्लूकोमा की वजह बताया है। इसकी वजह अनियंत्रित शुगर को बताया गया है। एम्स के डॉ. मुनीब फैक व प्रोफेसर तनुज दादा के शोधपत्र मॉलीक्यूलर मेडिसन जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
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