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आरटीआई कानून के दायरे में आया मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय

आरटीआई कानून के दायरे में आया मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय

 आरटीआई कानून के दायरे में आया मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय 
 
 सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का ऑफिस भी अब सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे में आ गया है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने इस पर फैसला सुनाया है। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं। 
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई पूरी कर 4 अप्रैल को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि कोई भी अपारदर्शी प्रणाली नहीं चाहता है, लेकिन पारदर्शिता के नाम पर न्यायपालिका को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता। दरअसल, सीआईसी ने अपने आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का दफ्तर आरटीआई के दायरे में होगा। इस फैसले को होई कोर्ट ने सही ठहराया था। हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने 2010 में चुनौती दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर स्टे कर दिया था और मामले को संविधान बेंच को रेफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि सीजेआई कार्यालय के अधीन आने वाले कालेजियम से जुड़ी जानकारी को साझा करना न्यायिक स्वतंत्रता को नष्ट कर देगा। अदालत से जुड़ी आरटीआई का जवाब देने का कार्य केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी का होता है।  
 

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