बीएसएनएल की वीआरएस योजना से बचेंगे 7 हजार करोड़
केंद्र सरकार की ओर से दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल को संकट से उबारने के लिए शुरू की गई वीआरएस स्कीम को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। बीएसएनएल को उम्मीद है कि 70,000 से 80,000 कर्मचारी वीआरएस योजना को अपनाएंगे। इससे वेतन खर्चों में करीब 7,000 करोड़ रुपए की कमी आएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक वीएसएनएल के करीब 75 हजार कर्मचारियों ने वीआरएस स्कीम के साथ जाने का फैसला किया है। बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या करीब 1.50 लाख है। इसमें से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस के दायरे में आते हैं। इसकी आखिरी तारीख 3 दिसंबर तय की गई है। बीएसएनल में बदलाव की प्रक्रिया चल रही है। अगर 75 हजार कर्मचारी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं, तो कर्मचारियों की संख्या आधी हो जाएगी। बीएसएनएल वीआरएस स्कीम पिछले सप्ताह आई बीएसएनएल की वीआरएस योजना तीन दिसंबर तक खुली रहेगी। इस योजना के लिए योग्य कर्मचारियों को मिलने वाला एक्स-ग्रेशिया में सर्विस में पूरे किए गए हर साल पर 35 दिनों की सैलरी और रिटायरमेंट में बाकी प्रत्येक वर्ष के लिए 25 दिनों की सैलरी को जोड़ा जाएगा। यह स्कीम वीआरएस के गुजरात मॉडल पर आधारित है। यह स्कीम भी 3 दिसंबर तक खुली रहेगी। कंपनी पुनर्गठन की योजना बना रही है। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने बीएसएनएल को ग्रामीण इलाकों में अपने कामकाज को चुस्त-दुरुस्त बनाने को कहा है।
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