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फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन सौंपने की तैयारी

फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन सौंपने की तैयारी

 फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को जमीन सौंपने की तैयारी
 देश की सर्वोच्च अदालत का फैसला आने के बाद अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्णाण को लेकर प्रयास तेज होते दिख रहे है। इसी क्रम में सरकार ने राम मंदिर के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट को जमीन सौंपने की कवायद शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार रामलला की जमीन की फिर से पैमाइश की जा रही है। प्रशासन के अनुसार ऐसा सिर्फ इसलिए किया जा रहा है कि मामले में कोई कमी न रह जाए। बता दें कि बीते नौ नवंबर को अयोध्या जमीन विवाद पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अधिगृहित परिसर स्थित 2.77 एकड़ जमीन रामलाल विराजमान को सौंपे जाने का आदेश दिया है। कोर्ट के अनुसार यह जमीन ट्रस्ट को सौंपी जाए।
उधर सरकार मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने की तैयारी कर चुकी है। वहीं जिला प्रशासन भी इसी क्रम में जमीन देने के लिए जरूरी तैयारी में लगा है। बता दें इस 2.77 एकड़ जमीन का सीमांकन कर पहले ही पत्थर लगाए गए हैं लेकिन क्रॉस चेकिंग के बाद ही इसे सौंपा जाएगा। जानकारी के अनुसार इसे लेकर दूसरे जिलों से जानकार लोग अयोध्या पहुंच चुके हैं। इसी बीच विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए। वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बुधवार को एक बार फिर उम्मीद जताई कि ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण रामजन्मभूमि न्यास द्वारा तैयार डिजाइन के अनुरूप ही करेगा।
न्यास अयोध्या के कारसेवकपुरम में वर्ष 1990 से कलाकारों और शिल्पकारों के लिए कार्यशाला चला रहा है। इसमें कलाकारों ने कई पत्थरों और खंभों पर कलाकृतियां उकेरी हैं, इस उम्मीद के साथ कि जब भी राम लला का मंदिर बनेगा तो इन्हें उसमें लगाया जाएगा। कार्यशाला के प्रभारी 79 वर्षीय अन्नू भाई सोमपुरा ने बताया कि राम जन्मभूमि न्यास की योजना के मुताबिक मंदिर 268 फुट लंबा, 140 फुट चौड़ा और शिखर तक 128 फुट ऊंचा होगा। इसमें कुल 212 खंभे होंगे। वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा ने उम्मीद जताई कि नए ट्रस्ट में न्यास का भी कोई प्रतिनिधि होगा। उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी इस ट्रस्ट में शामिल करना चाहिए। राम मंदिर ट्रस्ट का गठन सोमनाथ ट्रस्ट की तर्ज पर होना चाहिए।’ बता दें कि वीएचपी राम जन्मभूमि न्यास का समर्थक रहा है। उसके सदस्य कार्यशाला में अपनी सेवाएं देते रहे हैं। 

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