ट्राई सीमित करना चाहता डीटीएच प्लेटफॉर्म की संख्या
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने डायरेक्ट-टू-होम कंपनियों पर लगाम कसने की तैयारी की है। ट्राई ने प्लेटफॉर्म सर्विसेज (पीएस) के लिए नए प्रस्ताव दिए हैं, जिनके खिलाफ यह सेक्टर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है। बुधवार को जारी प्रस्तावों में ट्राई ने डीटीएच ऑपरेटरों की प्लेटफॉर्म सर्विसेज की संख्या उनकी कुल चैनल क्षमता के तीन फीसदी तक सीमित करने का सुझाव दिया है। उन्हें ऐसी अधिकतम 15 सर्विस देने की अनुमति दी जाएगी। टाटा स्काई के पास अभी 30 से अधिक प्लेटफॉर्म सर्विसेज हैं। एयरटेल, डिजिटल टीवी और डिश टीवी के पास भी ऐसे 15 से अधिक चैनल हैं। ज्यादातर डीटीएच ऑपरेटरों ने रेगुलेटर के प्रस्ताव का विरोध किया है। ट्राई के पेपर पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वे देश भर में सर्विसेज देते हैं। ग्राहकों की अलग पसंद और भाषाओं के मुताबिक उन्हें सुविधाएं देनी होती हैं। डीटीएच कंपनी के एग्जिक्यूटिव ने बताया, 'इससे हमारे बिजनेस पर असर पड़ेगा। ब्रॉडकास्टर उपभोक्ताओं तक कंटेंट पहुंचाने के लिए खुद की स्ट्रीमिंग सर्विसेज लॉन्च कर रहे हैं। हम अपने चैनल क्यों नहीं चला सकते? इस कदम से असमानता बढ़ेगी।'
एक डीटीएच कंपनी ने सुझाव दिया कि अगर ट्राई सीमा तय करना चाहता है तो उसे मौजूदा पीएस चैनलों की संख्या से ऊपर होना चाहिए। साथ ही यह लिमिट फ्लेक्सिबल होनी चाहिए। सेक्टर ने ऐसी ही सीमा केबल कंपनियों के लिए लागू करने की भी मांग की है, ताकि समानता बनी रहे। ट्राई ने प्रस्ताव में केवल डीटीएच सर्विसेज को शामिल किया है। उसने अपने पेपर में यह भी कहा कि पीएस चैनलों को 'एक्सक्लूसिव प्रोग्राम' दिखाने चाहिए। एक ही कंटेंट अन्य केबल या टीटीएच प्लेटफॉर्म के साथ शेयर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वहीं दूरदर्शन और अन्य रजिस्टर्ड टीवी चैनल या देश में रजिस्टर नहीं हुए विदेशी चैनलों को पीएस चैनलों की श्रेणी में शामिल नहीं किया जा सकता।
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