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नर्सरी दाखिला में खेल-कूद, संगीत, अभिभावकों की योग्यता के मानक नहीं बना सकते

 नर्सरी दाखिला में खेल-कूद, संगीत, अभिभावकों की योग्यता के मानक नहीं बना सकते

 नर्सरी दाखिला में खेल-कूद, संगीत, अभिभावकों की योग्यता के मानक नहीं बना सकते (15पीआर34ओआई)
 राजधानी दिल्ली के लगभग 1700 निजी स्कूलों में नर्सरी दाखिले की रेस 29 नवंबर से शुरु होने जा रही है। दाखिले के लिए स्कूलों को अपने मानक तय करने की छूट है लेकिन स्कूल अभिभावकों की योग्यता, बच्चों के खेल-कूद, माता-पिता का रोजगार में होना, स्कूल परिवहन, नॉन स्मोकर, पहले आओ पहले पाओ को मानक नहीं बना सकते हैं। दाखिला मानकों में इन मानकों समेत कुछ अन्य मानकों को शामिल करने पर रोक रहेगी। स्कूल दाखिले के लिए इन्हें आधार ना बनाएं, इसके लिए निदेशालय के हर जिले में मानीटरिंग सेल निगरानी रखेंगे। शिक्षा निदेशालय की नर्सरी दाखिले को लेकर जारी दिशानिर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल अपने 100 अंकों के दाखिला फॉर्मूले में ऐसे ही मानक रखेंगे जो न केवल अच्छी तरह से परिभाषित हों बल्कि न्याय संगत व भेदभाव रहित हों। साथ ही मानकों का पारदर्शी व स्पष्ट होना भी अनिवार्य है। स्कूल हर साल ऐसे मानक शामिल करते हैं जिनके कारण अभिभावक बच्चे का दाखिला नहीं करा पाते हैं।। शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2016 में 62 मानकों को लेकर आपत्ति जताई थी। उन्हें पारदर्शी व न्यायसंगत नहीं पाया गया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी इनमें से कुछ मानकों को शामिल करने व कुछ को शामिल नहीं करने को कहा था। निदेशालय हर जिले में मानीटरिंग सेल बनाएगा। इसके चेयरमैन जिला उपशिक्षा निदेशक होंगे। वह यह देखेंगे कि स्कूल अंकों के साथ अपने मानक निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड करें। सेल यह भी सुनिश्चित करेंगे कि जिन मानकों को प्रतिबंधित किया स्कूल उन्हें शामिल ना करें।
 

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