विकास में बाधक धार्मिक ढांचों को गिरा दें: कोर्ट
दिल्ली के ऐतिहासिक इलाके चांदनी चौक के पुनर्विकास योजना से जुड़े कामों के आड़े आ रहे दो मंदिरों को वहां से हटना होगा। उन्हें वहीं बने रहने देने और इन धार्मिक ढांचों के साथ ही पुनर्विकास के काम को जारी रखने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस तलवंत सिंह की बेंच ने सरकार को निर्देश दिया, खासतौर पर उसके गृह विभाग के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी सत्य गोपाल को कि वे अपनी वैधानिक और संवैधानिक जिम्मेदारी का पालन करें। यह सुनिश्चित करें कि हाई कोर्ट ओर सुप्रीम कोर्ट के संबंधित आदेशों का पालन हो। इन आदेशों के तहत चांदनी चौक पुनर्विकास योजना के कामों में बाधा बनने वाले हर अतिक्रमण को वहां से हटाने के लिए कहा गया है। इसमें हनुमान और शिव मंदिर भी आ रहे हैं। कोर्ट ने इन्हें हटाने का आदेश देते हुए कहा कि लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसी फैसला ले कि यह कैसे और किस ढंग से संभव होगा। कोर्ट ने सत्य गोपाल को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट के इन आदेशों को एक तय अवधि के भीतर पूरा कराने की जिम्मेदारी सौंपी।
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