महाराष्ट्र में पेंच, भाजपा ने भी किया दावा
आज राज्यपाल से मिलेंगे शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के नेता
महाराष्ट्र में अपना मुख्यमंत्री बनाने पर अड़ी शिवसेना का एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाना लगभग तय माना जा रहा है। इसका एलान जल्द हो सकता है। सीएम पद शिवसेना को मिलेगा और कांग्रेस तथा एनसीपी से एक-एक डिप्टी सीएम होंगे। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम 4 बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेगा। पहले केवल एनसीपी-कांग्रेस नेताओं के मिलने की बात थी। बाद में शिवसेना ने कहा कि उसके नेता भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे। तीनों दलों के एक साथ जाने पर सरकार बनाने की दावेदारी की भी अटकलें लग रही हैं। इधर, भाजपा ने भी सरकार बनाने का दावा पेश कर राजनीतिक हलचलों को बढ़ा दिया है।
भाजपा का दावा, बिगड़ जाएगी बात
भाजपा की तरफ से एक बार फिर से सरकार बनाने के दावे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ दिखाई दे रहा है। हालांकि यह सब उतना आसान नहीं है। भाजपा ने दावा किया है कि उसके पास 119 विधायकों का समर्थन है, यानी सरकार गठने के लिए केवल 26 विधायकों की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि राज्य में भाजपा के अलावा कोई भी दल सरकार नहीं बना सकता। राज्य में दोबारा भाजपा की सरकार बनेगी। बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने दी। उन्होंने कह कि बीजेपी के पास 119 विधायकों को समर्थन है और जल्द सरकार बनाने के लिए कदम आगे बढय़ा जाएगा।
जादुई आंकड़े का जुगाड़
भाजपा को अपनी सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। इस समय उसके पास 119 विधायक हैं। 105 उसके खुद के और 14 अन्य निर्दलीय विधायक उसके साथ हैं। ऐसे में उसे सिर्फ 26 विधायक चाहिए। राज्य में इस वक्त जैसी स्थिति है, उसमें किसी दल के विधायकों के टूटने की संभावना भी कम ही है। वैसे भी भाजपा इतनी जल्दी विधायकों की तोड़-फोड़ या खरीद-फरोख्त का दाग खुद के माथे पर नहीं लेना चाहेगी। इसीलिए बीजेपी की कोशिश यही होगी कि वह शिवसेना को अलग-थलग करने के लिए एनसीपी को अपने पाले में कर ले। एनसीपी के पास 54 विधायक हैं। वैसे भी पिछली बार एनसीपी-भाजपा को बिना शर्त समर्थन की पेशकश कर ही चुकी है।
पवार बोले, अभी और वक्त लगेगा
भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर चली लंबी खींचतान के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद एक तरफ जहां शिवसेना की ओर से लगातार बालासाहेब ठाकरे के स्मृति दिवस पर सरकार बनाने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी तरफ नई सरकार के गठन में जिस राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की भूमिका अहम मानी जा रही है, अब उसकी ओर से भी बयान आया है। एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने कहा है कि सरकार बनाने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा।
पवार की सोनिया के साथ होनी है बैठक
महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच दिल्ली में बैठक होनी है। जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी से मिलने के लिए शरद पवार 17 या 18 नवंबर को दिल्ली जाने वाले हैं। ऐसे में जब अभी तक तीनों दलों के बीच सरकार गठन से पहले ड्रॉफ्ट किए गए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर भी शीर्ष नेताओं की मुहर लगनी बाकी है, बालासाहेब ठाकरे के स्मृति दिवस पर सरकार गठन की संभावनाएं न के बराबर ही नजर आ रही हैं।
शिवसेना का तंज- 105 वालों की मानसिकता ठीक नहीं
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने भाजपा पर निशाना साधते हुए एक लेख छापा है। सामना ने लिखा है कि महाराष्ट्र में नए समीकरण से कुछ लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है। कौन वैसे सरकार बनाता है देखता हूं, इस प्रकार की भाषा बोले जा रहे हैं, श्राप भी दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो वैसे और कितने दिन टिकेगी, देखते हैं। ऐसा भविष्य भी बताया जा रहा है कि 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं टिकेगी। ये नया धंधा लाभदायक भले हो, लेकिन ये अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन है। सामना ने भाजपा पर निशाना साधते हुए लिखा अपनी कमजोरी को छुपाने के लिए ये हरकत महाराष्ट्र के सामने आ रही है। हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसा किसी को लगता होगा तो वे इस मानसिकता से बाहर आएं। ये मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ऐसी स्थिति ज्यादा समय रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और पागलपन की ओर यात्रा शुरू हो जाएगी।