ऑनलाइन देख सकेंगे कच्ची कॉलोनी का नक्शा
अनधिकृत कॉलोनियों के नक्शे बनने का काम लगभग पूरा हो चुका है। इन कॉलोनियों की बाउंड्री का अंतिम नक्शा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। डीडीए ने इसरो के सैटेलाइट चित्रों की सहायता से 500 कॉलोनियों के नक्शे तैयार कर लिए हैं। अब इन नक्शों को विभिन्न चरणों में ऑनलाइन डाला दिया जाएगा। इसके आधार पर कॉलोनी वासियों से इन नक्शों को लेकर आपत्ति और सुझाव मांगे जाएंगे। आपत्ति दर्ज कराने के लिए डीडीए 15 दिन का समय देगा। डीडीए ने जनवरी, 2020 तक सभी कॉलोनियों के नक्शे तैयार करने की समयसीमा तय की गई है। अनधिकृत कॉलोनियों के नक्शे बनाने का काम सर्वे ऑफ इंडिया, डीडीए और राजस्व विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से कर रहे हैं। इसके लिए सर्वे ऑफ इंडिया से वर्ष 2015 तक के सेटेलाइट मैप मंगाए गए हैं। इन मैप का वर्ष 2008 में आरडब्ल्यूए की तरफ से दिल्ली सरकार को उपलब्ध कराए गए मैप से मिलान किया जा रहा है। इसमें बिल्डअप एरिया से लेकर कॉलोनी के एक्सटेंशन तक की जानकारी मिल रही है। जो नक्शा तैयार किया जा रहा है, उसमें किसी भी कॉलोनी का जनवरी, 2015 तक का एक्सटेंशन ही शामिल किया है।
- आपत्ति और सुझाव के बाद ले-आउट प्लान
दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारी का कहना है कि जैसे ही कॉलोनियों के नक्शों को लेकर आपत्ति और सुझाव दूर हो जाएंगे, उसके तुरंत बाद दिल्ली के नगर निगमों से मिल कर कालोनियों के ले-आउट प्लान बनाए जाएंगे। डीडीए ने बीते दिनों कॉलोनियों के 2015 और 2018 के सैटेलाइट चित्र इसरो से मंगवाए थे। इन चित्रों के माध्यम से ही 2018 तक की कॉलोनियों को नियमित किया जाएगा।
- दिसंबर में पोर्टल शुरू होगा
डीडीए के जिस पोर्टल पर उक्त कॉलोनियों के निवासी मालिकाना हक के लिए आवेदन करेंगे, वह भी कोई निजी एजेंसी नहीं, बल्कि केंद्र सरकार का सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तैयार कर रहा है। डीडीए के मुताबिक, यह पोर्टल दिसंबर में शुरू हो जाएगा। 1,731 कॉलोनियों का नियमितीकरण एक साथ नहीं बल्कि कुछ-कुछ कॉलोनियों के समूह में किया जाएगा। डीडीए अधिकारियों के मुताबिक अभी इन सभी कॉलोनियों की मैपिंग का काम चल रहा है। इसके पश्चात इनकी चारदीवारी की जाएगी। जिस कॉलोनी की मैपिंग और चारदीवारी हो जाएगी, उसका पोर्टल पर पंजीकरण होने लगेगा।
रीजनल
ऑनलाइन देख सकेंगे कच्ची कॉलोनी का नक्शा