काटे जा सकते हैं दो लाख से ज्यादा पानी कनेक्शन
अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर कनेक्शन नहीं लेने वाले लाखों लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली जल बोर्ड जल्द ही ऐसे लोगों के पानी का कनेक्शन काटने जा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करते हुए जल बोर्ड ने इस बारे में कार्रवाई शुरू कर दी है। बोर्ड की इस कार्रवाई से करीब सवा दो लाख घरों में पानी की आपूर्ति बंद हो सकती है। यमुना निगरानी समिति के साथ हाल ही में हुई बैठक में जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने यह जानकारी दी। उन्होंने समिति को बताया कि सैकड़ों अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने के साथ-साथ इसे अधिसूचित भी कर दिया गया है। इसके बावजूद वहां रहने वाले लोग सीवर कनेक्शन नहीं ले रहे हैं। जल बोर्ड के मुताबिक, इन कॉलोनियों में 2 लाख 30 हजार पानी के उपभोक्ता हैं, लेकिन वे सीवर का कनेक्शन नहीं ले रहे। सीवर कनेक्शन नहीं लेने वाले 50 हजार उपभोक्ताओं के पानी का कनेक्शन काटने और समुचित कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। बाकी बचे 1 लाख 80 हजार उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई और उनका पानी का कनेक्शन काटने के लिए अगले तीन माह के भीतर समुचित कार्रवाई की जाएगी। समिति ने कहा है कि एनजीटी ने प्रति माह 20 हजार लीटर से कम पानी का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं से भी सीवर शुल्क वसूलने का आदेश दिया है। एनजीटी के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने भी 24 अक्तूबर को दिए निर्णय में बरकरार रखा है। अब समिति ने जल बोर्ड और दिल्ली सरकार से इसे लागू करने के बारे में विस्तृत कार्ययोजना पेश करने को कहा है। जल बोर्ड ने समिति को बताया कि जल्द ही एक आदेश जारी कर लोगों से सीवर का कनेक्शन लेने की अपील की जाएगी। समिति ने दिल्ली जल बोर्ड से दिसंबर के अंतिम सप्ताह में इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। जल बोर्ड के राजस्व निदेशक ने यमुना निगरानी समिति को बताया कि दिसंबर में 1.29 लाख उपभोक्ताओं को बिल भेजा जाएगा। इसमें सीवर शुल्क भी शामिल होगा, भले ही लोगों ने सीवर का कनेक्शन लिया है नहीं।
नेशन रीजनल नार्थ
काटे जा सकते हैं दो लाख से ज्यादा पानी कनेक्शन