अनानास एक ऐसा फल है जो ढेरों विटमिन का अच्छा स्रोत है, इसमें मिनरल के साथ-साथ अच्छी मात्रा में रेशे या फाइबर होते हैं जो डायबीटीज के मरीज के लिए अच्छे माने जाते हैं। इन सब सकारात्मक बातों के अलावा इसमें कैलरी भी काफी कम होती हैं। डायबीटीज पर की गई रिसर्च बताती हैं कि फाइबर वाली डायट लेने से न केवल ब्लड शुगर कम करने में मदद मिलती है बल्कि उससे कलेस्ट्रॉल कम होता है और पेट साफ रहता है। ऐसी डायट वजन नियंत्रित करने में भी लाभदायक है क्योंकि फाइबर की वजह से पेट भरा-भरा महसूस होता है साथ ही यह आंतों को फैट का अवशोषण करने से भी रोकते हैं। लेकिन अनानास के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसका ग्लाइसीमिक इंडेक्स और फलों की तुलना में अधिक होता है। ग्लाइसीमिक इंडेक्स (जीआई) में खाद्य पदार्थों की इस आधार पर रैंकिंग की जाती है कि उन्हें खाने पर कितनी तेजी से खून में शुगर की मात्रा बढ़ती है। जिन पदार्थों की जीआई रैंकिंग 55 तक होती है उन्हें लो जीआई माना जाता है। पर अनानास के साथ सबसे बड़ी समस्या है, ताजा अनानास की जीआई रैंकिंग 59 है। यह बाकी फलों की जीआई रैंकिंग की तुलना में ज्यादा है। यही स्थिति इसके जूस की है, हालांकि इसकी जीआई रैंकिंग ताजा फल से कम होती है। तब क्या इसी आधार पर इस गुणकारी फलों से परहेज करना उचित है। इस सवाल के जवाब में जानकारों का कहना है कि डायबीटीज के रोगी भी अनानास खा सकते हैं बशर्ते वे थोड़ी मात्रा में खाएं। ताजा अनानास को दूसरे फलों या खाद्य पदार्थों के साथ खाना भी अच्छा विकल्प है। इसे बिना मलाई वाले दही, या अंकुरित दालों के साथ खाया जा सकता है। इस तरह डायबीटीज में संतुलन ही ब्लड शुगर कंट्रोल करने का बेहतर तरीका है। आपको डायबीटीज में अनानास खाना है या नहीं यह फैसला आप अपनी ब्लड शुगर लेवल के आधार पर कीजिए। जरूरत पड़ने पर आप अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं और उसकी तय की गई मात्रा में अनानास खा सकते हैं। जो लोग डायबीटीज से पीड़ित हैं वे जानते हैं कि डायट का उनकी ब्लड शुगर कंट्रोल में कितना अहम रोल होता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें आमतौर पर शुगर के मरीजों को खाने से रोका जाता है क्योंकि उन्हें खाने से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने का खतरा रहता है। लेकिन दूसरी तरफ इन चीजों को खाने के फायदे भी बहुत हैं।