ज्यादा रोना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है। लिहाजा बच्चे के रोने के क्या कारण हो सकते हैं, वैसे तो नवजात शिशु का एक दिन में 1 से 3 घंटा रोना सामान्य बात है और इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर बच्चा इससे ज्यादा रोए तो यह उसकी सेहत और ब्रेन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लिहाजा आपको पता होना चाहिए कि बच्चा क्यों रो रहा है और उसकी उस समस्या का समाधान करके उसे चुप कराने की कोशिश करनी चाहिए। आमतौर पर माना जाता है कि शिशु जब मन आए, जहां मन आए सो सकते हैं। यह बेहद आसान और सरल महसूस होता है लेकिन हकीकत यह है कि सोने से पहले शिशु को काफी परेशानी होती है। उन्हें बेचैनी होती रहती है। वे बड़ों की तरह आसानी से लेटकर नहीं सोते। इसके उलट अतिरिक्त थकान होने के कारण वे काफी परेशान होते हैं और सोने से पहले चिड़चिड़ापन दिखाते हैं। यही कारण है कि सोने से पहले वे काफी रोते हैं। इस बात का हमेशा खयाल रखना चाहिए कि शिशु गंदगी में रहना कतई पसंद नहीं करते। यदि आप अपने शिशु को डाइपर पहनाते हैं तो ध्यान रखें कि बच्चा खुद डाइपर बदलने का संकेत देने लगता है। यह भी ध्यान रखें कि हर समय शिशु को डाइपर में न रखें। इससे स्किन पर रैशेज पड़ जाते हैं और इ वजह से भी बच्चा रोने लगता है। वास्तव में शिशु को जब भी भूख लगती है, वह रोकर अपनी भूख को बताते हैं। लेकिन आप अगर चाहें तो उसके भूख का पता पहले ही चल सकता है। दरअसल शिशु भूख लगने के दौरान अपने होंठ चूसने लगता है, मुंह के इशारे से दूध खोजता है। यही नहीं भूख लगने पर शिशु अपना हाथ भी बार-बार मुंह में डाल देता है। इन संकेतों का ध्यान रखे हुए हम बच्चे को भूख की वजह से रोने से रोक सकते हैं। नवजात शिशु या फिर छोटा बच्चा जब रोता है तो हर कोई अपने-अपने तरीके से उसे चुप करवाने की कोशिश करते हैं। कई बार ऐसा होता है कि बच्चा चुप होने के बजाय और भी ज्यादा रोने लगता है। इसके लिए जरूरी है कि हमें उसके रोने का सही कारण पता हो। कई बार भूख के अलावा अन्य कारणों से भी बच्चा बहुत रोता है।
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नवजात बच्चे का रोना सामान्य बात, घबराए नहीं -पता करे कि आखिर बच्चा क्यो रो रहा है