YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

रीजनल

वाम नेताओं के इशारे पर जेएनयू छात्रों का संसद मार्च: स्पेशल ब्रांच 

वाम नेताओं के इशारे पर जेएनयू छात्रों का संसद मार्च: स्पेशल ब्रांच 

वाम नेताओं के इशारे पर जेएनयू छात्रों का संसद मार्च: स्पेशल ब्रांच 
 दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की एक गोपनीय रिपोर्ट में दावा हुआ है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के आंदोलनकारी छात्रों का पहले संसद की तरफ मार्च करने की कोई योजना नहीं थी। पुलिस मुख्यालय भेजी गई स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के बड़े नेताओं के इशारे पर शनिवार को छात्र संगठनों ने आखिरकार संसद की तरफ कूच करने का फैसला किया। खुफिया जानकारी के आधार पर दिल्ली पुलिस के 800 कांस्टेबल और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की 10 कंपनियां जेएनयू पर तैनात कर दी गईं, वहीं प्रमुख मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए। रविवार देर शाम, सरकारी अधिकारियों ने कुछ छात्र संगठनों के साथ एक बैठक की और उनसे संसद की तरफ ना बढ़ने का आग्रह किया, जहां शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला था। हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि वाम समर्थित छात्र संगठन एआईएसए, एसएफआई और एआईएसएफ ने जोर देकर कहा कि संसद की ओर जाने का कार्यक्रम टाला नहीं जा सकता। सूत्रों ने कहा कि सोमवार सुबह छात्रों की एक भीड़ ने पुलिस बेरीकेडिंग की पहली कतार को तोड़कर अपना रास्ता बना लिया। छात्रों की अगुआई वाम संगठन कर रहे थे। स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट कहती है कि बेरीकेड्स टूटने के बाद छात्र शांत हो गए। उन्हें बताया गया कि उनकी मांगों पर विचार करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के समझाने पर अधिकांश छात्र समझ गए और पीछे हट गए। कुछ देर बाद छात्रों का एक बड़ा समूह अचानक हिंसक हो गया और उसने बेरीकेड्स तोड़ दी तथा अरबिंदो मार्ग से होते हुए नई दिल्ली क्षेत्र की ओर बढ़ गया। पुलिस ने नई दिल्ली जिला की सीमा पर जोर बाग के निकट सफदरजंग मकबरे पर आंदोलनकारी संगठनों को नियंत्रित कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, एक विशेष छात्र संगठन ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर स्थिति को बिगाड़ दिया। इसके बाद लगभग 100 छात्रों ने बेरीकेड्स तोड़ दिए और नई दिल्ली जिला क्षेत्र की ओर बढ़ने का प्रयास किया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बाद में स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए इन छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्ष के कुछ बड़े राजनीतिक दलों के कुछ नेता भी संसद की ओर बढ़ रहे छात्रों को बढ़ावा रहे थे।
 

Related Posts