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 अपने दम पर प्रदर्शन का हश्र देख अब 'घर वापसी' को ही बेहतर मान रहे शिवपाल यादव

 अपने दम पर प्रदर्शन का हश्र देख अब 'घर वापसी' को ही बेहतर मान रहे शिवपाल यादव

 अपने दम पर प्रदर्शन का हश्र देख अब 'घर वापसी' को ही बेहतर मान रहे शिवपाल यादव
समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी बनाई जरूर पर अपने दम पर प्रदर्शन का हश्र देख अब वे 'घर वापसी' ही बेहतर विकल्प मान रहे हैं। मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई  शिवपाल यादव अब अपने भतीजे अखिलेश यादव के प्रति नरम रुख अपना रहे हैं। सपा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (शिवपाल यादव की पार्टी) के एक होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव तक चर्चा अमल में बदल सकती है। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले सपा के दो मजबूत ध्रुवों अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की तल्खी परवान चढ़ चुकी थी। चुनाव के बाद शिवपाल यादव ने न केवल पार्टी छोड़ी बल्कि अपना अलग दल भी बना लिया। इस दौरान मुलायम सिंह यादव के आशीर्वाद के लिए चाचा-भतीजे में जंग जरूर चली। इसमें भी पलड़ा अखिलेश यादव का ही भारी रहा।
शिवपाल के मंच से मुलायम सिंह यादव सपा को जिताने की अपील कर गए और लोकसभा चुनाव में भी सपा की रणनीति तय करते रहे। अब एक फिर 22 नवंबर को मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के पहले शिवपाल यादव ने अपना परिवार प्रेम जाहिर किया है। मुलायम परिवार से जुड़े करीबी शिवपाल यादव के बयान और कुछ दिनों पहले हुए अखिलेश यादव के इशारों के बीच उम्मीद की डोर तलाश रहे हैं। शिवपाल अब भी समाजवादी पार्टी से ही विधायक हैं। पिछले दिनों सपा ने उनकी सदस्यता रद्द करने की याचिका जरूर दायर की थी, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने इसे वापस लेने का इशारा भी किया था। अब शिवपाल यादव फिर भतीजे को सीएम बनाने के लिए संकल्पित होने की बात कर रहे हैं। सपा के एक नेता का कहना है कि शिवपाल पार्टी में एक पावर सेंटर के तौर पर थे। पार्टी के बाहर जाने के बाद दूसरे बड़े दलों में भी उनके लिए वह भूमिका कभी नहीं मिल सकती, जो उनकी सपा में थी। 


 

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