डीसीसीए ने लोकपाल के फैसले को खारिज किया
दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की शीर्ष परिषद ने पत्रकार रजत शर्मा को डीडीसीए का अध्यक्ष बने रहने के लोकपाल न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बीडी अहमद के फैसले को खारिज कर दिया है। इससे पहले रजत शर्मा ने डीडीसीए से अपना इस्तीफा दे दिया था पर लोकपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं करते हुए कहा कि वह अपने पद पर बने रहें। इसके साथ ही उन्होंने सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख तय की थी। लोकपाल का यह फैसला डीडीसीए की शीर्ष परिषद को पसंद नहीं आया, जिसके 15 में से 9 सदस्यों ने लोकपाल के फैसले को खारिज कर दिया और डीडीसीए में खेल के संचालन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को भी उठाया। शीर्ष परिषद ने कहा, 'शीर्ष परिषद के निम्नलिखित सदस्यों की राय यह है कि आप डीडीसीए के अध्यक्ष के रूप में दोबारा पदभार ग्रहण नहीं कर सकते हैं और आपको फिर से पद ग्रहण करने का जो ईमेल भेजा गया था उसे निरस्त माना जाएगा।'
उन्होंने कहा, 'कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 168 (1) में यह स्पष्ट है कि निदेशक का इस्तीफा कंपनी को मिलने के बाद से ही प्रभावी होगा। कंपनी अधिनियम में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि कंपनी को इस्तीफा सौंपने के बाद उसे वापस लिया जा सकता है।' परिषद के लोकपाल के कार्यकाल पर भी सवाल उठाया। पत्र में कहा गया कि, 'लोकपाल का कार्यकाल एक साल का था जो 30 जून 2018 से 29 जून 2019 तक प्रभावी था और संघ के नियम के अनुसार उनके कार्यकाल को सिर्फ एजीएम में बढ़ाया जा सकता है। ऐसे में माननीय लोकपाल के द्वारा 30 जून 2019 के बाद लिया गया हर फैसला निरस्त माना जाएगा।
नेशन स्पोर्ट्स नार्थ
डीसीसीए ने लोकपाल के फैसले को खारिज किया