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पहाड़ों पर भारी बर्फबारी से मैदानी इलाकों में बारिश -बदलते मौसम ने बढ़ाई ‎किसानों की ‎चिंता

पहाड़ों पर भारी बर्फबारी से मैदानी इलाकों में बारिश -बदलते मौसम ने बढ़ाई ‎किसानों की ‎चिंता

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल में बर्फबारी से मैदानी इलाकों में भी ठंड बढ़ गई है। बिहार, कोलकाता और उत्तर प्रदेश में बिन मौसम बारिश ने किसानों के माथे पर ‎चिंता की लकीरें खींच दी हैं। वह अब अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं। बिहार में पटना सहित कई जिलों में बुधवार को तेज हवा के साथ बूंदाबांदी हुई और ओले गिरे। कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। वहीं बंगाल में भी बिन मौसम बारिश ने किसानों को परेशान कर दिया है। खासकर हुगली जिले के सिंगुर के आलू की फसल उगाने वाले किसानों को। ‎पिछले रविवार रात से ही रुक-रुक कर हो रही बारिश से आलू की खेती करने वाले किसानों के सामने समस्या पैदा हो गई है। इस साल सिंगुर के किसानों ने आलू की बड़े पैमाने पर खेती की है। आलू की उचित कीमत बाजार में मिलेगी या नहीं इसको लेकर किसानों के मन में पहले से ही आशंकाएं होने लगी हैं।
उत्तराखंड में चारधामों के साथ ही मसूरी, नैनीताल, पिथौरागढ़, धनोल्टी व उच्च हिमालयी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई। कुछ जगह पूरे दिन यह बारिश और बर्फबारी का दौर चला। ‎जिस कारण प्रदेश के करीब 132 गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। सौ से ज्यादा संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गए। पूरा प्रदेश कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। तापमान में दो से सात डिग्री सेल्सियस तक की कमी दर्ज की गई। तो पर्वतीय अंचल के कुछ इलाकों में तो तापमान शून्य से नीचे चला गया है।
कश्मीर घाटी के कई इलाकों में हल्की बारिश हुई, वहीं जम्मू संभाग में मौसम साफ रहा। उच्च पर्वतीय क्षेत्रों पर बर्फबारी के कारण तेज हवाओं ने मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ा दी। जम्मू में हांला‎कि बुधवार को मौसम साफ रहा, लेकिन हल्के बादलों के बीच ठंडी हवाओं ने शाम होते ही ठंड का स्तर बढ़ा ‎दिया। मौसम विभाग के मुता‎बिक गुरुवार को जम्मू में मौसम साफ रहेगा, लेकिन कश्मीर के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है।
सुबह तीन घंटे तक शिमला समेत हिमाचल के छह जिलों किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लू, चंबा, शिमला और मंडी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। इससे प्रदेश में शीतलहर बढ़ गई है। प्रदेश में 15 मार्च तक सर्दी से छुटकारा मिलने की संभावना भी नहीं है। शिमला में पिछले 59 दिनों में 10 बार बर्फबारी हुई है। कई सालों बाद इस तरह के मौसम को देखते हुए हिमाचल में रबी की फसल गेहूं भरपूर होने की आस जगी है। हालांकि सर्दी का दौर लंबा चलने से सेब की फसल प्रभावित हो सकती है। सर्दी अधिक समय तक होने के कारण इस साल सेब सीजन देर से शुरू होगा। अगर मौसम में अचानक बदलाव आता है तो सेब के पौधों पर फूल तुरंत खिलेंगे। इस दौरान ओलावृष्टि फूलों को नुकसान पहुंचा सकती है।

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