भारत-अमेरिका के बीच 71 हजार करोड़ का रक्षा सौदा
सुरक्षित होगा समुद्र, युद्धपोत, तट और लड़ाकू विमान होंगे निशाने पर
ट्रंप प्रशासन ने भारत को 71 हजार करोड़ रुपए (100 करोड़ डॉलर) की एमके 45 तोपें बेचने के फैसले को मंजूरी दे दी। ये तोपें भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने अमेरिकी संसद को बताया कि प्रस्तावित सौदे के तहत 13 एमके-45 पांच इंच/ 62 कैलिबर (एमओडी 4) नौसैनिक तोपों और उनसे संबंधित उपकरणों की प्रस्तावित विदेशी सैन्य बिक्री की अनुमानित लागत 71 अरब रुपए है। एमके 45 तोपों का इस्तेमाल युद्धपोत, तटों और लड़ाकू विमानों पर बम बरसाने के लिए किया जाता है। रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि बीएई सिस्टम्स लैंड एंड आर्मामेंट्स द्वारा बनाए जाने वाले इन हथियारों की प्रस्तावित बिक्री से भारत को शत्रुओं के हथियारों से मौजूदा और भविष्य के संकटों से निपटने में मदद मिलेगी।
रक्षा मिशन का संचालन करने में मिलेगा सहयोग
अधिसूचना में लिखा है कि एमके 45 गन सिस्टम से भारत को अमेरिका और अन्य संबद्ध बलों के साथ अंतरक्षमता बढ़ाने के साथ एंटी-सर्फेस युद्ध और एंटी-एयर रक्षा मिशन का संचालन करने की क्षमता मिलेगी।
क्षेत्रीय खतरों से निपटने में सक्षम होगा भारत
इसकी मदद से भारत क्षेत्रीय खतरों से निपटने और अपनी जमीन की रक्षा करने में सक्षम होगा। अधिसूचना यह भी कहती है कि इस प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में बदलाव नहीं आएगा। हालांकि, ट्रंप प्रशासन द्वारा दी गई सूचना का मतलब यह नहीं है कि यह सौदा मंजूर हो गया है। सौदा तय होने के लिए इसकी कानूनी मंजूरी मिलना भी जरूरी है। अभी तक अमेरिका ने इन तोपों को ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया को ही बेचा है और थाईलैंड को भी उन्नत संस्करण दिया है।
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