ईवीएम का मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
लोकसभा चुनाव 2019 में ईवीएम से चुनाव का मामला फिर उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया है। चुनाव विश्लेषण संस्था, एडीआर ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दाखिल करके मांग की है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह किसी भी चुनाव के अंतिम फैसले की घोषणा से पहले डाले गए वोट और गिने गए वाटों का पूर्ण मिलान करे। इस मिलान से पूर्व चुनाव के नतीजे घोषित ना किए जाएं। जनहित याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग अस्थायी आंकडों पर रिजल्ट जारी कर देता है जबकि गणना किए गए वोटों का आंकड़ा कुछ और होता है। आयोग को इन दोनों आंकड़ों में सामंजस्य बैठाने के बाद ही नतीजा घोषित करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने 2019 के लोकसभा चुनाव परिणामों से संबंधित आंकड़ों में सामने आईं ऐसी सभी गड़बडिय़ों की जांच की भी मांग की है। चुनाव आयोग की चुनाव प्रक्रिया पर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने 2019 के सात चरणों के लोकसभा चुनाव में मतदान की घोषणा अपने एप माईवोटर्स टर्नआउट पर की लेकिन सातवें चरण में यह डाटा नहीं दिया और सिर्फ मतदान प्रतिशत दिया जाने लगा। इसके साथ ही पुराने मतदान का आंकड़ा भी हटा दिया गया। याचिका में चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि ये बदलाव गड़बडिय़ों को छिपाने की कोशिश हो सकती है।
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