महाराष्ट्र को खिचड़ी नहीं स्थिर सरकार चाहिए, शिवसेना ने किया जनादेश का अपमान : फडणवीस
-देवेंद्र फडणवीस बोले, शिवसेना के कारण ऐसी नौबत आई
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चल रहा गतिरोध अंतत: उस समय समाप्त हो गया जब आज सुबह एनसीपी के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए हैं। मुख्यमंत्री का शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को स्थिर सरकार देने की जरूरत थी और इसीलिए एनसीपी साथ आई है। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र को स्थिर सरकार चाहिए, खिचड़ी सरकार नहीं।' महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद फडणवीस ने शिवसेना पर भी हमला बोला। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के कारण ऐसी नौबत आई है। उन्होंने कहा, 'शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया। हम महाराष्ट्र में स्थिर और स्थाई सरकार चलाएंगे।' फडणवीस ने कहा, 'महाराष्ट्र की जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया था। हमारे साथ लड़ी शिवसेना ने उस जनादेश को नकार कर दूसरी जगह गठबंधन बनाने का प्रयास किया। महाराष्ट्र को स्थिर शासन देने की जरूरत थी। महाराष्ट्र को स्थायी सरकार देने का फैसला करने के लिए अजीत पवार को धन्यवाद। राज्यपाल ने सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। मैंने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।'
किसानों की समस्याओं का हल निकालने भाजपा के साथ किया गठबंधन : अजित पवार-
उपमुख्समंत्री के पद की शपथ लेने वाले एनसीपी नेता अजित पवार ने शपथ लेने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसानों के समस्याओं का हल निकालने के लिए पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया है। उन्होंने कहा, 'रिजल्ट आने के बाद से कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी, महाराष्ट्र किसानों की समस्याओं समेत कई परेशानियों से जूझ रहा था। इसलिए हमने स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया।'
गौरतलब है कि संसद का सत्र शुरू होने के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। वैसे तो पवार ने महाराष्ट्र के किसानों के मुद्दे पर पीएम से मुलाकात की थी, लेकिन इसे राज्य में जारी सरकार गठन की कवायद से भी जोड़कर देखा जा रहा था। इससे पहले पीएम ने राज्यसभा में एनसीपी की तारीफ कर सबको चौंका दिया था। हालांकि, उस वक्त शिवसेना ने इस मुलाकात को सामान्य बताया था और किसी प्रकार की खिचड़ी पकने की बात से इनकार किया था।
शरद पवार बोले- अजित पवार ने तोड़ी एनसीपी-
महाराष्ट्र की राजनीति में रातोंरात आए सियासी भूचाल में शनिवार सुबह भाजपा ने एनसीपी के मुखिया शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। राज्य में नई सरकार बनने के बाद शरद पवार ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि यह फैसला उनकी जानकारी के बगैर हुआ है। उधर, कांग्रेस ने शरद पवार पर विश्वासघात करने का आरोप लगाया है। राज्य में अटकलों का बाजार गरम है कि भाजपा को सरकार बनाने के लिए 40 विधायकों की जरूरत है और शरद पवार ने पर्दे के पीछे से खेल करते हुए भाजपा को अपना समर्थन दे दिया। शरद पवार ने ट्वीट कर कहा, 'अजित पवार का भाजपा को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने का फैसला उनका निजी फैसला है, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का इससे कोई संबंध नहीं है। हम आधिकारिक रूप से यह कहना चाहते हैं कि हम उनके (अजित पवार) इस फैसले का न तो समर्थन करते हैं और न ही सहमति देते हैं।' उधर, शिवसेना ने भी कहा कि अजित पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि जेल जाने से बचने के लिए अजित पवार भाजपा के साथ आए हैं। इस बीच कांग्रेस ने शरद पवार पर धोखा देने का आरोप लगाया है।
संजय राउत बोले, जेल जाने से बचने के लिए अजित पवार ने भाजपा से मिलाया हाथ-
महाराष्ट्र में भाजपा-एनसीपी के साथ सरकार गठन के आश्चर्यचकित करने वाले उलटफेर के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इससे शरद पवार का कुछ लेना-देना नहीं है। अजित पवार ने शरद पवार और महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा किया है। उन्होंने आगे कहा कि जेल जाने से बचने के लिए अजित पवार ने भाजपा से हाथ मिलाया है और भाजपा सरकार बनाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। महाराष्ट्र में रातोंरात हुए खेल के बाद मीडिया के सामने आकर संजय राउत ने कहा, 'लोगों को आमंत्रित करके क्यों नहीं शपथ ली। आपने पाप किया है, चोरी किया है, महाराष्ट्र की जनता को दगा किया है। इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।' संजय राउत ने कहा सत्ता के लिए भतीजे ने चाचा को धोखा दिया। राउत ने आगे कहा, 'उद्धव और पवार मिलने वाले हैं, एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस हो सकती है। इस उम्र में शरद पवार जैसे बड़े नेता को धोखा देने की कोशिश हुई है। यह बात महाराष्ट्र को हजम नहीं होगी। जिस तरह से यह सब हुआ है पर्दे के पीछे, पैसा का दुरुपयोग करके, जनता यह पाप ठुकराए बगैर रहेगी नहीं।' संजय राउत ने कहा, 'आंखें खुलने से पहले यह पाप नष्ट होगा।' संजय राउत ने कहा, 'अजित की क्या प्रतिक्रिया है मुझे मालूम नहीं, न ही बोलने की जरूरत है। कल 9 बजे तक यह महाशय हमारे साथ बैठे थे पूरी बातचीत में शामिल थे। अचानक से गायब हो गए, मुझे उसी वक्त कुछ संदेह हुआ था। वह नजरों से नजरें मिलाकर नहीं बोल रहे थे। जो व्यक्ति पाप करने जाता है, उसकी नजर जैसे झुकती है, वैसी झुकी नजरों से बात कर रहे थे।'