पाक सरकार ने हाईकोर्ट से की मुशर्रफ के मामले में फैसला रोकने की अपील
पाकिस्तान सरकार ने पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर विशेष अदालत से अपना फैसला रोकने की अपील की है। यदि परवेज मुशर्रफ राजद्रोह के इस फैसले में दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें मौत की सजा हो सकती है।
याचिका गृह मंत्रालय द्वारा दायर गई है, जिसके प्रमुख ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) इजाज शाह को मुशर्रफ का बेहद करीबी माना जाता है। मुशर्रफ पर नवंबर 2007 में अतिरिक्त संवैधानिक आपातकाल लागू करने के आरोप है। 76 साल के मुशर्रफ के खिलाफ 31 मार्च 2013 में देशद्रोह के मामले में आरोप तय कर मामला दर्ज किया गया था। सन 2016 में उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था, जिसके कारण इस मामले की सुनवाई में बाधा आ गई और सुनवाई को रोकना पड़ा। राजद्रोह के मामले में 19 नवम्बर को सुनवाई पूरी कर ली थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिकाकर्ता ने कहा चूंकि मुशर्रफ देश में मौजूद नहीं है, इसलिए न्यायाधिकरण को उनके स्वस्थ्य होकर देश में वापस आने और मुकदमे का सामना करने तक इंतजार करना चाहिए। सरकार ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट से कहा है कि वह तीन सदस्यीय न्यायाधिकरण को अपना फैसला सुनाने से रोके, जिसके 28 नवंबर को आने की उम्मीद है। पाक मीडिया के अनुसार मुशर्रफ एमायलॉयडोसिस बीमारी से पीड़ित हैं, जो शरीर के अंगों और ऊतकों में एमाइलॉइड नामक असामान्य प्रोटीन के बनने से होती है। इनदिनों आत्म-निर्वासन में दुबई में रह रहे मुशर्रफ ने भी लाहौर हाईकोर्ट में शनिवार को विशेष अदालत के फैसले को चुनौती दी है और उनके मामले की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की।
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पाक सरकार ने हाईकोर्ट से की मुशर्रफ के मामले में फैसला रोकने की अपील