खत्म हुई सियासी उठापटक, चचेरे भाई से गले मिलीं सुप्रिया, फडनवीस से मिलाया हाथ
- प्रोटेम स्पीकर ने 288 नव निर्वाचित विधायकों को दिलाई शपथ
महाराष्ट्र में एक महीने से ज्यादा समय तक चली सियासी उठापटक का अब समापन हो गया है। नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया है। शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए आने वाले विधायकों का स्वागत करने के लिए एनसीपी सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले स्वयं विधानभवन के गेट पर मौजूद रहीं।
इस दौरान, जब सुप्रिया के बड़े चचेरे भाई अजित पवार वहां पहुंचे तो यह आत्मीयता प्रकट करने का वक्त था। पार्टी से विद्रोह कर भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने की पहल करने वाले अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, लेकिन पारिवारिक दबाव में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे कर पुन: पार्टी में वापसी कर ली है। अजित के सहयोग से देवेंद्र फडनवीस ने 23 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अजित के एनसीपी में लौटने के बाद महज 80 घंटे के अंदर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार और बेटी सुप्रिया सुले ने अजित पवार को उप-मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए भावनात्मक रुप से मजबूर कर दिया।
अजित पवार विधानसभा के सत्र में शामिल होने के लिए जब गेट पर पहुंचे तो वहां पहले से सुप्रिया सुले खड़ी थीं। अजित के आगे एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटिल थे। पाटिल ने हाथ जोड़कर सुप्रिया का अभिवादन किया। इसके बाद उनके पीछे चल रहे अजित सुप्रिया के पास पहुंचे। दोनों ने आगे-बढ़कर एक दूसरे को गले से लगाया और तस्वीरें खिंचाईं। इस दौरान सुप्रिया और अजित दोनों मुस्कुराते नजर आए।
विधायक की शपथ लेने से पहले अजित पवार ने कहा एनसीपी से मैं कभी निकाला ही नहीं गया। पार्टी में था, पार्टी में हूं और पार्टी में रहूंगा। इससे पहले मंगलवार रात अजित ने अपने चाचा और एनसीपी चीफ शरद पवार से मुंबई में उनके आवास सिल्वर ओक पर मुलाकात की थी।
उधर देवेंद्र फडनवीस भी जब विधानसभा के अंदर जाने के लिए पहुंचे तो सुप्रिया सुले से उनका सामना हुआ। यह तल्खी मिटाने का मौका था। फडनवीस ने वहां रुककर सुले से मुलाकात की और अपने दोनों हाथ बढ़ाए। दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाते हुए तस्वीरें खिंचाईं। इस बीच महाराष्ट्र विधानसभा में नए विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जा रही है। महाराष्ट्र में मंगलवार को सियासी अनिश्चितता पर विराम लग गया। फडनवीस के इस्तीफा देने के बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं की बैठक में शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को नेता चुना गया। उद्धव गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
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