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अजित कई घोटालों में हैं आरोपी, नहीं लेना चाहिए था समर्थन: खडसे

अजित कई घोटालों में हैं आरोपी, नहीं लेना चाहिए था समर्थन: खडसे

अजित कई घोटालों में हैं आरोपी, नहीं लेना चाहिए था समर्थन: खडसे
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथ से महाराष्ट्र की सत्ता निकल गई है। देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार का समर्थन लेकर दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ तो ले ली, लेकिन 80 घंटे में ही उनकी सरकार गिर गई। अब भाजपा के अंदर से ही इस फैसले पर सवाल किए जाने लगे हैं। 
भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि पार्टी को कभी भी अजित पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था। बुधवार को महाराष्ट्र के वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस फैसले पर विरोध जताया। एकनाथ खडसे कहा मेरा मानना है कि भाजपा को अजित पवार का समर्थन नहीं लेना चाहिए था। एक बड़े सिंचाई घोटाले में उनपर बड़े आरोप हैं, ऐसे में हमें कभी भी उनके साथ नहीं जाना चाहिए था।
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एकनाथ खडसे को टिकट नहीं दिया था। उनके अलावा प्रकाश मेहता, विनोद तावड़े जैसे बड़े नेताओं को भी टिकट नहीं दिया गया था। तीनों को ही देवेंद्र फड़नवीस के विरोधी गुट का माना जाता है। हालांकि, एकनाथ खडसे की बेटी को टिकट दिया गया था। गौरतलब है कि 2014 में फड़नवीस सरकार में खडसे को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद उनके नाम से कई और विवाद जुड़े, जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
अजित पवार ने जिस तरह भाजपा को समर्थन देकर शपथ ली, लेकिन फ्लोर टेस्ट से पहले ही उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया। ऐसे में बार-बार सवाल उठ रहा है कि क्या देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार पर भरोसा कर कोई बड़ी गलती कर दी। जब यही सवाल फडणवीस से पूछा गया था तो उन्होंने कहा वह सही वक्त आने पर इस सवाल का जवाब देंगे। देवेंद्र फडणवीस ने 23 नवंबर को सुबह-सुबह मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी, लेकिन 26 नवंबर की दोपहर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
 

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