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गुजरात की वैश्विक विकास यात्रा के मूल में है कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थितिः मुख्यमंत्री

गुजरात की वैश्विक विकास यात्रा के मूल में है कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थितिः मुख्यमंत्री

गुजरात की वैश्विक विकास यात्रा के मूल में है कानून व्यवस्था की सुदृढ़ स्थितिः मुख्यमंत्री
- विजय रूपाणी ने 168 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को पदक से नवाजा
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात की सर्वांगीण वैश्विक विकास यात्रा की नींव में राज्य की सुदृढ़ और संगीन कानून व्यवस्था की स्थिति निहित है। गुजरात की कानून व्यवस्था, सुरक्षा और सलामती की स्थिति पूरे देश में विख्यात है। अहमदाबाद में गुरुवार को आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री ने विशिष्ट सेवा के 18 पुलिस पदक तथा प्रशंसनीय सेवा के 150 पुलिस पदक से गुजरात पुलिस बल के 168 जवानों एवं अधिकारियों को नवाजा। ये पदक वर्ष 2014 से 2019 तक के गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषित हुए थे। इस अवसर पर गृह राज्य मंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा, मुख्य सचिव डॉ. जेएन सिंह, पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा, गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव संगीता सिंह उपस्थित थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में गुजरात पुलिस की ऐसी साख बनी है जो अपराध करने वालों को पाताल से भी ढूंढ़ निकालकर सजा दिलाने में निपुण है। उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर लोगों की सेवा की है जिससे गुजरात पुलिस और राज्य का गौरव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर समय के साथ कदमताल मिला रही है। उन्होंने कहा कि गुजरात में अपराध दर और अपराध पता लगाने की दर (क्राइम डिटेक्शन रेट) को बनाए रखा गया है और इसीलिए लोगों की शिकायतों और समस्याओं का निवारण कर सके हैं। रूपाणी ने कहा कि शहरों में आबादी का घनत्व बढ़ रहा है। पुलिस विभाग द्वारा ऐसी अनेक चुनौतियों के मद्देनजर भविष्य में संभावित अपराधों से निपटने का अग्रिम आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस टेक्नोसेवी है। अद्यतन उपकरणों के उपयोग के जरिए गुजरात पुलिस अब अपराध में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले तत्वों को भी ढूंढ़ निकालने की चुनौती का सामना करने को सक्षम है। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों के कारण कई बार समाज में भय का माहौल बनता है। ऐसे समय में लोगों को सुरक्षा मुहैया कराना तथा कानून व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करना पुलिस का कर्तव्य होता है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात पुलिस की धाक और छवि ही ऐसी है कि आम नागरिक को भी हमेशा सुरक्षा का एहसास होता है। उन्होंने कहा कि जनता की मित्र के रूप में पुलिस एवं जनता के बीच सामंजस्य स्थापित हुआ है। पुलिस बल के कार्य की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात पुलिस ने प्रो-पीपल पुलिसिंग का जो दृष्टिकोण अपनाया है वह जनता और पुलिस को अधिक निकट लाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव अब बीते दिनों की बात हो गई है। नागरिकों को सलामती और सुरक्षा प्रदान करने में गुजरात पुलिस पूरी तरह से सफल साबित हुई है। रूपाणी ने कहा कि आज जिन पुलिस जवानों को पदक से सम्मानित किया है उनका हौसला तो बढ़ेगा ही साथ ही पुलिस विभाग के अन्य कर्मियों व अधिकारियों के लिए भी वे प्रेरणादायी बनेंगे तथा विभाग को नया नैतिक साहस प्रदान करेंगे। उन्होंने गुजरात को विकास के और भी नए मील के पत्थर पार कराने में पुलिस बल की अधिक उत्कृष्टता और तैयारी के लिए भी आह्वान किया। 
गुजरात पुलिस बल में वर्ष 2014 से 2019 के वर्ष के दौरान 9 पुलिस अधिकारी-कर्मियों को गणतंत्र दिवस पर तथा 9 को स्वतंत्रता दिवस सहित कुल 18 अधिकारी-कर्मियों के नाम राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए घोषित किए गए थे। इन वर्षों के दौरान गणतंत्र दिवस पर 58 तथा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित किए गए 92 पुलिस पदक भी आज प्रदान किए गए। इस अवसर पर पदक प्राप्त करने वाले पुलिसकर्मियों के परिवारजन, अहमदाबाद की महापौर बीजल पटेल तथा कई विधायक उपस्थित थे।  

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