एम्स में इलाज करवाना होगा महंगा
दिल्ली एम्स में अब इलाज करवाना भी महंगा हो सकता है और पढ़ना भी। एम्स के फाइनेंस डिपार्टमेंट की तरफ से जारी किए गए एक लैटर में एम्स के सभी विभागों से ये पूछा गया है कि फिलहाल किस सेवा का क्या चार्ज लिया जा रहा है। ये चार्ज लागत से कितना कम है और क्या कारण है कि ये चार्ज लागत से कम पर वसूला जा रहा है। एम्स में एमबीबीएस करने का सालाना खर्च 6000 रु है, जो 50,000 तक किया जा सकता है। एम्स प्रशासन के मुताबिक, एमबीबीएस करने वाले एक डॉक्टर पर संस्थान 1.8 करोड़ रु खर्च करता है। एम्स में ओपीडी में दिखाने के लिए 10 रुपए का कार्ड बनता है, जबकि भर्ती होने पर 25 रुपए का। स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता है कि एम्स का रेवेन्यू बढ़े। सरकार दिल्ली एम्स को सालाना 3 हज़ार 5 सौ करोड़ रुपए देती है, जबकि देश में बने बाकी एम्स को 300 से 500 करोड़ मिलते हैं। एम्स के डॉक्टरों की एसोसिएशन ने इस कदम का विरोध किया है। एम्स के रेजीडेंट डॉक्टर और स्टूडेंट एसोसिएशन ने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों ही क्षेत्रों को अफोर्डेबल यानी किफायती होना चाहिए जिससे हर कोई इन सेवाओं को हासिल कर सके।
रीजनल नार्थ
एम्स में इलाज करवाना होगा महंगा