YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में शीला ने आप से गठबंधन को लगाया विराम

वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में शीला ने आप से गठबंधन को लगाया विराम

लोकसभा चुनावों के मद्देनजर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच चल रही गठबंधन की सुगबुगाहटों पर दिल्ली कांग्रेस मुखिया शीला दीक्षित ने अंतत: पूर्णविराम लगा दिया है। अब तक प्रदेश कांग्रेस गठबंधन की बातों को नकारती रही है, लेकिन पहली बार गठबंधन पर प्रदेश के नेताओं की राय के लिए बैठक की गई। 20 से 21 नेताओं की इस बैठक में गठबंधन को ना कह दिया गया। पार्टी के अंदर कुछ नेताओं ने गठबंधन को 'डेथ वॉरंट' जैसा करार बताया है। बैठक में बातचीत के दौरान एक नेता ने यहां तक कहा कि अगर गठबंधन होता है तो हमारी अगली पीढ़ी कभी माफ नहीं करेगी। लेकिन अंदरखाने की सचाई अलग है। लोकल लीडरशीप ने भले ही गठबंधन को इंकार कर दिया हो, लेकिन अभी कहानी बहुत बाकी है। बैठक के बाद शीला दीक्षित ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बैठक में गठबंधन को लेकर भी बातें हुई हैं। सभी ने इसे मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि हम अपने बल पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि छह महीने पहले भी प्रदेश कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर एक प्रस्ताव पास किया था, जिसमें सभी ने एक मत से इंकार किया था। सूत्रों का कहना है कि जब अजय माकन प्रदेश अध्यक्ष थे, तब यह प्रस्ताव पास किया गया था। अब शीला दीक्षित अध्यक्ष हैं, इसलिए एक बार फिर से यह बैठक बुलाकर सभी नेताओं की राय ली गई। 
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को गुरुद्वारा रकाबगंज स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस के वॉर रूम में यह बैठक की गई थी। इसके बाद दिल्ली प्रभारी पीसी चाको शीला दीक्षित से मिलने उनके आवास पर पहुंचे और गठबंधन पर राय मांगी। उस समय शीला ने अपनी राय तो दे दी, लेकिन लोकल लीडरशिप की राय जानने के लिए शुक्रवार को आवास पर एक बैठक बुलाई। इसमें दिल्ली के लगभग सभी सीनियर लीडर शामिल हुए। इनमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल, अरविंदर सिंह लवली, सुभाष चोपड़ा समेत 21 नेता थे। बैठक में सबसे पहले शीला ने अपनी राय रखी कि मैं गठबंधन नहीं चाहती हूं, आप लोग अपनी राय दें। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद बाकी नेताओं ने भी इससे इंकार किया और कहा कि दिल्ली में अपने बल पर चुनाव लड़ने में सक्षम हैं। सूत्रों का कहना है कि अभी तो शीला ने मना कर दिया है, लेकिन वो आलाकमान के आगे कब तक अपनी बात पर टिकी रहेंगी, यह समय बताएगा। इस बारे में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार कोचर ने कहा कि अब तक कांग्रेस का वोट काटने के लिए आम आदमी पार्टी कई राज्यों में खड़ी हो चुकी है, जिसमें अधिकतर जगहों पर जमानत जब्त हो गई। हम उनसे अपील करते हैं कि वो दिल्ली की सातों सीट छोड़ दें। हम बीजेपी को हरा देंगे।
प्रदेश कांग्रेस नए सिरे से दिल्ली में अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। शीला दीक्षित लगातार वर्करों से मिल रही हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की आम आदमी पार्टी से गठबंधन की उम्मीद में कई नेताओं के लिए भविष्य का सपना जुड़ा हुआ है। सूत्रों की मानें तो कई पुराने सीनियर नेताओं का भविष्य आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर टिका है। सूत्रों की मानें तो पार्टी में नेताओं की तो कमी नहीं है, लेकिन जीत निश्चित दिखने की स्थिति में कई वरिष्ठ नेता दिल्ली से किसी लोकसभा सीट से अपनी किस्मत अजमाने की फिराक में हैं। 
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अभी भी गठबंधन का फॉर्म्यूला 3-3-1 के आधार पर आगे बढ़ा सकती है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के पास जो तीन सीटें होंगी उसमें नई दिल्ली, चांदनी चौक तो निश्चित है और नॉर्थ वेस्ट की सीट मिल सकती है। दरअसल गठबंधन के हालात में कांग्रेस के नेताओं को लग रहा है कि जीत निश्चित है, इसलिए जहां चांदनी चौक से कपिल सिब्बल फिर अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। सूत्रों की मानें तो वो पहले चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन गठबंधन होने पर वो यहां से लड़ने का विचार कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि आजकल सिब्बल कार्यकर्ताओं से मिलने लगे हैं। वो चुनाव लड़ने के लिए तैयार भी हैं। उन्होंने अपने दोनों जिला अध्यक्ष से भी बात की है। दूसरी ओर नई दिल्ली से अजय माकन का चुनाव लड़ना तय है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि यहां से मनीष तिवारी भी गठबंधन होने की स्थिति में चुनाव लड़ सकते हैं। इसी तरह नॉर्थ वेस्ट से भी कई नाम आ रहे हैं। लेकिन, गठबंधन की यह राह आसान नहीं होगी, क्योंकि स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की स्थिति में सात सीटों से 72 लोगों ने अपनी दावेदारी दी है। 

Related Posts