दिल्ली-एनसीआर के पावर प्लांट बंद करने की चेतावनी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली-एनसीआर के कोयला आधारित पावर प्लांट बंद करने की चेतावनी दी है। सीपीसीबी ने कहा कि तय समय सीमा तक उत्सर्जन मानक को पूरा नहीं किया तो इन प्लांट को बंद कर दिया जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली और एनसीआर में भारी बिजली संकट खड़ा हो सकता है। इस बारे में सीपीसीबी ने लेटर लिखकर चेतावनी दी है। दिल्ली और उत्तर भारत के आसपास के इलाकों में हवा काफी प्रदूषित हो गई है। इसकी वजह से इस महीने कई बार दिल्ली सरकार को हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना पड़ी और स्कूलों को कई दिन तक बंद रखा गया है। गौरतलब है कि इसके पहले बिजली संयंत्रों के लिए उत्सर्जन मानक पूरा करने के लिए दिसंबर 2017 की डेडलाइन तय की गई थी, लेकिन इसे बाद में इंडस्ट्री की प्रबल मांग के बाद इसे बढ़ा दिया गया। पानीपत थर्मल पावर स्टेशन के प्रमुख को 13 नवंबर को भेजे एक लेटर में सीपीसीबी ने कई आरोप लगाए हैं और मानक के पालन के लिए महज 15 दिन का समय दिया है। यानी 28 नवंबर को यह समय सीमा बीत चुकी है।
सीपीसीबी के चेयरमैन एस।पी। परिहार ने एक लेटर में कहा है, 'पीटीपीएस, एचपीजीसीएल हरियाणा को यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि उत्सर्जन मानक को पूरा करने के लिए क्यों न उनके प्लांट के यूनिट 7 को बंद कर दिया जाए।' यहां एचपीजीसीएल का मतलब हरियाणा पावर जनरेशन कॉर्प लिमिटेड से है। बिजली संयंत्रों के उत्सर्जन मानक के पालन के लिए चरणबद्ध तरीके की योजना तैयार की गई है। इसके तहत ईंधन गैस डीसल्फराइजेशन यूनिट की स्थापना शामिल है, जिससे सल्फर डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आती है। साल 2019 के अंत तक दिल्ली-एनसीआर के आसपास के सभी प्लांट को इस मानक का पालन करना होगा। देश के आधे से ज्यादा कोयला आधारित पावर प्लांट इस डेडलाइन को पूरा करने की स्थिति में नहीं दिख रहे।
दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने उच्चस्तरीय समिति से प्रदूषण से निपटने के लिए 3 दिसंबर तक जापानी तकनीक सहित सभी आधुनिक तकनीकों का अध्ययन कर रिपोर्ट देने को कहा है। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। कई इलाकों में AQI लेवल 1300 के पार पहुंच गया था।
रीजनल नार्थ
दिल्ली-एनसीआर के पावर प्लांट बंद करने की चेतावनी