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भारतीय कार्यबल में अपेक्षित से कम है महिलाओं की हिस्सेदारी : रिपोर्ट

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भारतीय कार्यबल में अपेक्षित से कम है महिलाओं की हिस्सेदारी : रिपोर्ट
भारत में महिलाओं की कार्यबल में भागीदारी को लेकर एक सर्वे में अपेक्षित हिस्सेदारी न मिलने की बात सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 25 फीसदी है जबकि देश में कुल 19.5 करोड़ महिलाएं हैं जो असंगठित क्षेत्र में या बगैर वेतन काम करती हैं। शोध एवं बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी डेलायट द्वारा चौथी औद्योगिक क्रांति को ध्यान में रखकर तैयार एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। शुक्रवार को यहां एक सम्मेलन में यह रिपोर्ट जारी की गई। इस सम्मेलन में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के बारे में सुधारात्मक उपाय किए जाने पर जोर दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत में कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी मात्र 25 फीसदी है और महिला श्रम बल भागीदारी दर 26 फीसदी है। देश में कुल 19.5 करोड़ महिलाएं है जो असंगठित क्षेत्र में काम करती हैं या बिना वेतन के काम करती हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि पहली तीन क्रान्तियों ने लिंग असमानता के अंतराल को और बढ़ा दिया था लेकिन चौथी ओद्यौगिक क्रान्ति हितधारकों को एक अवसर प्रदान कर सकती है। यह संगठनात्मक वास्तविकताओं की प्रकृति तथा कौशल के प्रकार के संदर्भ में कार्यों को प्रभावित करेगी। रिपोर्ट में कहा कार्यस्थल के लिए तैयारी, सॉफ्ट स्किल, तकनीकी विशेषज्ञता तथा उद्यमिता जैसे क्षेत्रों में महिलाओं के कौशल विकास पर जोर देने की आवश्यकता बताई गई है। रिपोर्ट को लेकर कंपनी के कमल सिंह ने कहा कि देश और इसके विभिन्न समुदायों का समग्र विकास तभी संभव है जब दोनों लिंगों को एक समान महत्व मिलेगा। देश के विकास एवं कामयाबी के लिए लिंग समानता अनिवार्य है और इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखना होगा कि लिंग समानता का तात्पर्य सिर्फ कार्यस्थल पर ही नहीं बल्कि घर एवं समाज में भी महिलाओं के लिए सुरक्षित और समावेशी माहौल बनाने से है।

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