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इकलौते बच्चे पर पैरंट्स को देना चाहिए पूरा ध्यान - हो सकता है जिददी, शर्मिला व चुप रहने वाला

इकलौते बच्चे पर पैरंट्स को देना चाहिए पूरा ध्यान  - हो सकता है जिददी, शर्मिला व चुप रहने वाला

इकलौते बच्चे को खेल-खेल में शेयरिंग और केयरिंग सिखाना जरूरी होता है। बच्चे को दादी-दादा व बड़ों का सम्मान व सेवा करना, अपनी चीजें उनके साथ बांटना सिखाना चाहिए। अगर बच्चे का कोई दोस्त या फिर रिश्तेदार का बच्चा उसके खिलौनों से खेलना चाहता है तो अपने बच्चे को उसे देने के लिए कहें। बच्चों को हर तरह की सुविधाएं, कीमती खिलौने, मोबाइल, गेम्स दे देने भर से काम नहीं चलता। उन्हें समय देना भी जरूरी है। अगर वर्किंग कपल हैं और समय की कमी है तो भी कोशिश करें कि बच्चे को क्वॉलिटी टाइम दें। बच्चों के साथ खेलें, उसके साथ उसकी किताबों व कपड़ों की आलमारी साफ करें, किचन में बच्चे से हल्की-फुल्की मदद लें। सोते समय अच्छी कहानियां सुनाएं। उसे बाहर खेलने भेजें ताकि उसका सोशल दायरा बढ़े और वह अपनी बातें शेयर कर सके। इकलौते बच्चे पर पैरंट्स का पूरा ध्यान होता है। शरारती बच्चे सबको अच्छे लगते हैं लेकिन अक्सर ये शरारतें दूसरों की परेशानी का सबब बन जाती हैं। इसलिए बच्चे की हर डिमांड पूरी नहीं करनी चाहिए। उसे पैसों की कीमत समझाएं और जो है उसी में अडजस्ट करना सिखाएं। इकलौते बच्चे के साथ दोस्त की तरह रहना चाहिए। बढ़ती उम्र के बच्चों के साथ एकदम दोस्त जैसा बर्ताव करने की कोशिश करें। उसके साथ गेम्स खेलें। बच्चे को सपोर्ट्स, फिजिकल ऐक्टिवटी की क्लासेस या योग क्लासेस भेजें ताकि उसका बेहतर मानसिक विकास हो और उसका आत्मविश्वास भी बढ़े। अकेले बच्चे को प्यार के साथ जिम्मेदारियों का एहसास भी कराएं। उसे जीवन की हकीकत के बारे में बताएं। बच्चे को छोटी-छोटी जिम्मेदारियां दें और कुछ मसलों पर उसकी राय भी जानें, ताकि उसे महसूस हो कि वह आपके लिए महत्वपूर्ण है। इससे उसमें आत्मविश्वास पनपेगा। जब बच्चा जिद करे तो उसके साथ नम्रता से पेश आएं। इकलौते बच्चे हर समय माता-पिता का फोकस चाहते हैं। उनसे संवाद बनाएं रखें। हेल्दी डिस्कशन करके उन्हें संवेदनशील इंसान बनाया जा सकता है। उनकी भावनाओं को पहचानें और उसके मुताबिक प्रतिक्रया दें। बच्चे के मन में कोई बात दबी न रहने दें। उसे बोलने का अवसर दें और दिलचस्पी से सुनें। इकलौते बच्चे अक्सर गुमसुम, शर्मीले, चुप रहने वाले या इसके उलट हाइपर ऐक्टिव होते हैं। ज्यादा लाड़-प्यार मिलने से थोड़े जिद्दी भी हो जाते हैं। जब इकलौता बच्चा होता है, तो घर के सभी सदस्य उसके आगे-पीछे घूमते हैं।
 

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