भाजपा को बहुमत नहीं मिला, तो फिर जेडीएस से गठबंधन करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने कहा उपचुनाव के बाद अगर भाजपा बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंचती है, तो उसे जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के साथ हाथ मिलाने में कोई हिचक नहीं है। दूसरी ओर पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के नेतृत्व वाली जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) ने भी इस पर मिले-जुले संकेत दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और जेडीएस ने राज्य में 14 महीने तक मिलकर सरकार चलाई थी और गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था। मगर इस साल 17 विधायकों की बगावत की वजह से एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली सरकार के गिरने के बाद, दोनों पार्टियों ने अपने रास्ते अलग-अलग कर लिए थे और पांच दिसंबर को होने वाला उप-चुनाव भी दोनों पार्टियां अलग अलग लड़ रही हैं।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि भाजपा उपचुनाव में सभी 15 सीटों पर जीत हासिल करेगी। कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कर्नाटक मामलों के प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बेलगावी में कहा निश्चित रूप से सभी विकल्प खुले हुए हैं। आप देखिए कि महाराष्ट्र में किस तरह से सरकार बनाई गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में फासीवादी सरकार है और लोकतंत्र को बचाना एक बड़ी चुनौती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के लिए भाजपा ‘साझा दुश्मन’ है। इसलिए दोनों पार्टियों का साथ आना अपरिहार्य हो गया है। उन्होंने हुंसूर में कहा हमारे निशाने पर भाजपा है और दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा ने कहा कि वह भाजपा और कांग्रेस, दोनों से समान दूरी रखकर अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। हालांकि, कुछ दिन पहले उन्होंने संकेत दिया था कि कर्नाटक में सोनिया गांधी नीत पार्टी से गठबंधन किया जा सकता है। इस बीच खबर है कि कुमारस्वामी ने हुबली में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मुलाकात की है। इस मुलाकात को भी गठबंधन के संकेत के रुप में देखा जा सकता है। राज्य में 15 सीटों के लिए होने जा रहे उप-चुनाव में भाजपा को बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह सीटें जीतना जरूरी है।