5 साल में दिल्ली सरकार का राजस्व 23 फीसदी बढ़ा
नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की दिल्ली सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों का लेखा-जोखा विधानसभा में पेश किया गया। सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के राजस्व में बीते 5 सालों में 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखाई है। वहीं सीएजी ने डीटीसी, परिवहन विभाग को फिसड्डी बताया गया है। सीएजी ने कहा कि इस वजह से दिल्ली सरकार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि रिपोर्ट में राजस्व बढ़ोतरी का भी जिक्र किया गया है। गैर कर राजस्व में खासी बढ़ोतरी रिपोर्ट में दी है। सीएजी की रिपोर्ट में बताया कि परिवहन विभाग ने बीते 20 सालों से द्वारका व नरेला इलाके में बस अड्डा बनाने के लिए जमीन दिल्ली विकास प्राधिकरण को 10.33 करोड़ रु का भुगतान नहीं कर पाया। इसके कारण हरियाणा की 516 और राजस्थान की 1246 बसों को नरेला व द्वारका से नहीं चल कर कश्मीरी गेट बस अड्डा व सराय काले खां चलानी पड़ रही है। अन्य राज्यों की बसें डीजल से चलती है। इसके कारण दिल्ली शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। सीएजी ने टिप्पणी में कहा कि कुल 70 मानकों पर जांच में व्यापार, आबकारी, परिवहन समेत अन्य खातों की जांच के में कुल 1701.14 करोड़ की अनियमितता मिली है। सीएजी रिपोर्ट में परिवहन विभाग के निकाय दिल्ली ट्रांस्पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को भी आड़े हाथ लिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच साल में एक भी बस क्यू शेल्टर का निर्माण नहीं हो पाया। परिवहन विभाग ने आठ साल बाद भी कश्मीरी गेट बस अड्डे का पुनर्विकास नहीं कर पाया। इसके लिए ठेकेदारों और डिम्ट्स की ओर से 113.33 करोड़ रुपये बिल की भुगतान का खुलासा हुआ है। इससे आर्थिक नुकसान की भी बात कही गई है। सीएजी रिपोर्ट में डीटीसी पर भी सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि डीटीसी का घाटा लगातार बढ़ रहा है। 2013-14 में घाटा 2919.40 करोड़ था जो बढ़कर 2017-18 में 3843.62 करोड़ हो गया। इसे लेकर सीएजी की टिप्पणी में चिंता जताई गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएजी की रिपोर्ट पर सरकार की पीठ सदन में थपथपाई। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को सीएजी से क्लीन चिट मिल गई है। सीएजी की जांच से सरकारें व अधिकारी डरते है। सीएजी की रिपोर्ट खुद कह रही है कि हमारी पार्टी ईमानदार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार किसी राज्य सरकार के खजाने को सीएजी की रिपोर्ट में फायदे वाला बताया गया है। हमें खुशी है कि हम जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे है।
रीजनल नार्थ
5 साल में दिल्ली सरकार का राजस्व 23 फीसदी बढ़ा