कैग रिपोर्ट को लेकर आप ने उठाया एमसीडी पर सवाल
आम आदमी पार्टी (आप) ने कैग रिपोर्ट के आधार पर एमसीडी की कार्यपद्धति पर सवाल उठाया है। पार्टी का कहना है कि सीएजी रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली सरकार पर एमसीडी का कोई पैसा बकाया नहीं है। इसके उलट एमसीडी पर दिल्ली सरकार का करीब 4000 करोड़ रुपये बकाया है। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कैग रिपोर्ट से एमसीडी का झूठ उजागर हो गया है। वहीं, केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को मिलने वाला विकास फंड भी 23 फीसदी घटा दिया है। बावजूद इसके केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी, महिला सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरा, फ्री वाई-फाई सरीखी दूसरी कई सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। भारद्वाज ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनको अपने शासन के मॉडल पर इतना विश्वास है, तो दिल्ली में पिछले 15 साल के निगम शासन के नाम पर चुनाव लड़कर दिखाएं। इससे दिल्लीवालों के पास विकल्प होगा कि वह भाजपा के 15 साल के शासन के मॉडल को पसंद करती है या केजरीवाल सरकार के पांच साल के मॉडल को। विधानसभा की याचिका कमेटी ने बीते दिनों 4 निजी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। मंगलवार को इसकी रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई। इसकी जानकारी देते हुए सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली के इंडियन स्कूल, एपीजे स्कूल, केआर मंगलम स्कूल तथा समर फील्ड स्कूल का उदाहरण देते हुए कहा कि इन चारों स्कूलों के संबंध में याचिका कमेटी की रिपोर्ट बताती है कि इनमें सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इसकी एक जांच रिपोर्ट भी एमसीडी को सौंपी गई है। लेकिन एमसीडी ने इस स्कूलों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि याचिका कमेटी के साथ दिल्ली चाइल्ड राइट्स प्रोटेक्शन कमीशन और दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अधिकारी भी दौरे पर गए थे। सौरभ भारद्वाज ने प्याज की कीमतों के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार करार दिया है। केंद्रीय संस्थान नेफेड का काम देश में खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी रोकने के साथ आरक्षित भंडार रखना होता है। किसी खाद्य पदार्थ की कीमतों में अचानक उछाल आने पर नेफेड अपने भंडार गृहों से आपूर्ति बढ़ाकर कीमतें नीचे लाता है। अगर सभी राज्यों में 25 रुपये किलो से प्याज मिलता तो कालाबाजारी नहीं होती।
रीजनल नार्थ
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