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हैदराबाद का इंसाफ पूरा, चारों आरोपी ढेर

हैदराबाद का इंसाफ पूरा, चारों आरोपी ढेर

हैदराबाद का इंसाफ पूरा, चारों आरोपी ढेर
- सबसे तेज इंसाफ: 8 दिन में दरिंदों को मिली हैवानियत की सजा
- साइबराबाद में 27 और 28 नवंबर की दरमियानी रात को डॉक्टर दिशा के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था। 6 दिसंबर को पुलिस ने कर दिया ढेर
- देर रात घटना वाली जगह पर ही पुलिस ने किया एनकाउंटर
- सीन रीक्रिएट करने गई थी पुलिस, भागने लगे आरोपी
हैदराबाद (ईएमएस)। हैदराबाद में हुए रेप और हत्याकांड का इंसाफ पूरा हो गया है। पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। तेलंगाना पुलिस के अनुसार आरोपियों को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए ले जाया गया था। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस ने उन पर गोलियां चला दीं। इस मुठभेड़ में चारों आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई। बता दें कि चारों आरोपियों शिवा, नवीन, केशवुलू और मोहम्मद आरिफ ने हैदराबाद के शादनगर में पशु चिकित्सक के साथ मदद के बहाने पहले सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या करके शव को आग के हवाले कर दिया। पुलिस को अगले दिन पीडि़ता की अधजली लाश फ्लाईओवर के नीचे मिली थी।

आरोपियों ने भागने की कोशिश की
इन सभी आरोपियों को पुलिस रिमांड में रखा गया था। पुलिस चारों आरोपियों को उसी फ्लाईओवर के नीचे ले गई थी जहां उन्होंने पीडि़ता को आग के हवाले किया था। यहां पर क्राइम सीन रीक्रिएट किया जा रहा था। इसी दौरान धुंध का फायदा उठाते हुए उन्होंने भागने की कोशिश की। जिसके बाद उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं। जिसमें उनकी मौत हो गई।  आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने की पुष्टि पुलिस आयुक्त ने की है। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सड़क से लेकर संसद तक आरोपियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की जा रही थी। सभी आरोपियों को फांसी पर चढ़ाने की बात कह रहे थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि सरकार कड़े कानून बनाने के लिए तैयार है।

इस तरह आरोपियों ने रची थी साजिश
आरोपी जब थोंडुपली ओआरआर टोल प्लाजा पर शराब पी रहे थे तब उन्होंने महिला डॉक्टर को वहां स्कूटर खड़ा करते देखा। तभी इन्होंने खौफनाक साजिश रच डाली। आरोपियों ने महिला डॉक्टर के मुंह में जबरन शराब डाली। यौन हमले के बाद पीडि़ता होश खो बैठी। जब होश में आई तो अली ने उसे मार डाला। हत्या करने के बाद डॉक्टर की लाश को एक कपड़े में लपेटा और ट्रक में रख लिया। दो लोग पीडि़ता के स्कूटर पर आगे चल रहे थे और ट्रक पीछे। चट्टनपल्ली में आशियाना होटल के पास फेंक दिया। यहां इन्होंने शव पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। बाद में दोबारा जला हुआ शव देखने यहां लौटे। इस दौरान इन्होंने पीडि़ता के दो सिम कार्ड भी नष्ट कर दिए। 28 नवंबर को इन्होंने पीडि़ता का स्कूटर कोथुर में खड़ा किया और सुबह पांच बजे ट्रक को आरामगढ़ ले गए।

पुलिस हिरासत में थे आरोपी
पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया था, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया जिसके बाद हैदराबाद पुलिस ने हिरासत की मांग की तो आरोपियों को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया था। पुलिस आरोपियों को सीन रीक्रिएट कराने के लिए लेकर गई थी। इस दौरान पुलिस मुठभेड़ में चारों आरोपी मारे गए।
 
पीडि़ता के पिता ने की थी जल्द सजा की मांग
महिला डॉक्टर के पिता ने कहा था कि दोषियों को जितना जल्दी संभव हो सजा देनी चाहिए। कई कानून बनाए गए लेकिन उनका पालन नहीं हो रहा है। उन्होंने निर्भया केस के दोषियों को अबतक फांसी नहीं दिए जाने का हवाला देते हुए मांग की है कि गुनहगारों को जल्द से जल्द सजा दी जाए। पीडि़ता के पिता का कहा था कि अपराध करने वालों की उम्र बेहद कम है, लेकिन उन्होंने बड़ा काम किया है।

क्यों किया जा सकता है सीन का रीकंस्ट्रक्शन
पुलिस सभी चारों आरोपियों को लेकर सीन रीकंस्ट्रक्शन के लिए पहुंची थी। पुलिस की ओर से सीन रीकंस्ट्रक्शन की कार्रवाई इसलिए की जाती है ताकि घटना की पूरी कडिय़ों को जोड़ा जा सके और मौका-ए-वारदात के हर ऐंगल को जांचा परखा जा सके। पुलिस की ओर से यह जांच अदालती कार्रवाई में भी महत्पवूर्ण होती है और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के लिहाज से भी इसे अहम माना जाता है।

यूपी के पूर्व डीजीपी बोले
हैदराबाद पुलिस की कार्रवाई सही
हैदराबाद पुलिस की इस पूरी कार्रवाई को यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए उन्होंने हैदराबाद पुलिस को बधाई भी दी।

निर्भया कांड के बाद फिर देश में था गुस्सा
गौरतलब है कि हैदराबाद कांड के बाद से पूरे देश में रेप के आरोपियों के खिलाफ गुस्सा था और सरकार से ऐसी वारदातों पर कानून को और कड़ा करने की मांग की जा रही थी। 16 दिसंबर, 2012 को दिल्ली में निर्भया के गैंगरेप के बाद से पूरे देश में गुस्सा था और उसके बाद यह दूसरा मौका था, जब हैदराबाद समेत पूरे देश में लोग सड़कों पर उतरे। 

पिता बोले, बच्ची की आत्मा को शांति मिलेगी
पीडि़ता के पिता ने सरकार को बधाई देते हुए कहा है कि उनकी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी। हैवानियत भरी इस घटना के सामने आने के बाद से ही देशभर में आक्रोश था। आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग की जा रही थी। यहां तक कि एक आरोपी की मां ने चारों को उसी तरह जिंदा जलाने तक को कह दिया था, जैसे पीडि़ता के साथ किया गया था।  

स्वाति मालीवाल बोलीं- जो हुआ अच्छा हुआ
हैदराबाद रेप केस के आरोपियों के एनकाउंटर से जुड़े सवाल पर मालीवाल ने कहा कि जो हुआ अच्छा हुआ।  

तेलंगाना के कानून मंत्री बोले, भगवान ने किया न्याय
हैदाराबाद। महिला डॉक्टर से गैंगरेप और मर्डर के सभी चारों आरोपियों के एनकाउंटर में ढेर होने को तेलंगाना के कानून मंत्री इंद्रकरण रेड्डी ने भगवान का न्याय बताया है। उन्होंने अपने राज्य की पुलिस की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आरोपियों ने भागने की कोशिश की थी तो उन्हें मार गिराया गया। पीडि़ता के पिता ने भी कहा कि यह इंसाफ है और मेरी बच्ची की आत्मा को इससे शांति मिलेगी। पीडि़ता की बहन ने कहा कि यह कार्रवाई भविष्य के लिए नजीर होगी।

निर्भया की मां ने भी जताई खुशी
इस एनकाउंटर पर दिल्ली में गैंगरेप और मर्डर का शिकार हुई निर्भया की मां आशा देवी ने भी खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा इंसाफ नहीं हो सकता था। 
एसएस/ईएमएस 06 दिसंबर 2019
 

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