राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोबाइल सिम कार्ड लेने और बैंक खाता खुलवाने में पहचान पत्र के तौर पर आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मान्यता देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया था जिस कारण सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा। अध्यादेश के जरिये आधार कानून में संशोधन किया गया है जिसमें आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कड़े दंड और जुर्माने का प्रावधान है। अध्यादेश के अनुसार, कोई सेवा प्रदाता किसी व्यक्ति से प्रमाणन के लिए मिली जैविक पहचान की सूचनाओं और आधार संख्या को अपने पास जमा नहीं कर सकता। इसमें यह भी कहा कि कोई भी बच्चा 18 साल का हो जाने के बाद आधार कार्यक्रम से बाहर निकलने का विकल्प चुन सकता है।