अब आवासीय इलाकों में भी मिलेंगे छोटे उद्योग के लाइसेंस
दक्षिणी दिल्ली के रिहायशी इलाकों में चल रहीं अवैध व्यावसायिक गतिविधियों को नगर निगम ने कानूूनी जामा पहनाने की व्यवस्था कर दी है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक में यह प्रस्ताव पारित हो गया है। नए प्रस्ताव के मुताबिक जिन घरों में अब तक अवैध रूप से व्यवसाय चल रहा था उनको अब लाइसेंस मिल सकेगा। हालांकि इसके लिए नगर निगम ने कई शर्तें लगा दी हैं। इस बैठक की अध्यक्षता स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने की। इस मौके पर नेता सदन कमलजीत सहरावत ने कहा कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से दिसंबर 2018 में हाउस होल्ड पॉलिसी के तहत जिन 121 व्यवसायों के लाइसेंस बनवाने की सिफारिश की गई थी, उस प्रस्ताव को अब मंजूरी दी जाती है। इस प्रस्ताव के लागू होने से हाउस होल्ड यानी आवासीय संपत्तियों में चल रही व्यावसायिक इकाईयों के लाइसेंस बनवाए जा सकेंगे। हालांकि इस श्रेणी में वही व्यवसायिक इकाईयां लाइसेंस बनवाने की हकदार होंगी जिनमें अधिकतम नौ कर्मचारी और बिजली का खर्च 11 किलो वाट से अधिक ना हो। साथ ही कुल आवासीय संपत्ति का अधिकतम 50 फीसदी हिस्सा ही व्यवसायिक प्रयोग में हो रहा हो। साथ ही संपत्ति की सरकार द्वारा रजिस्ट्री होनी भी अनिवार्य है। इससे पहले सभी व्यवसाय अवैध श्रेणी में आते थे, जिसके चलते इनके खिलाफ निगम द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की जाती थी। सहरावत ने कहा कि संबंधित सूची में जिन व्यवसायों को शामिल किया गया है, उनके मालिक इनके लिए एसडीएमसी से लाइसेंस बनवाकर अपनी संपत्ति को सीलिंग से बचा सकेंगे। इस प्रक्रिया के तहत लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों की संपत्तियों के खिलाफ जारी सीलिंग के नोटिस खुद ही निरस्त हो जाएंगे। साथ ही लाइसेंस बनने के बाद अगर किसी भी हाउस होल्ड संपत्ति के खिलाफ सीलिंग का नोटिस जारी होता है या सीलिंग की जाती है, तो उसे निरस्त समझा जाएगा। इस फैसले से लाखों छोटे उद्योगों को राहत मिलेगी।
रीजनल
अब आवासीय इलाकों में भी मिलेंगे छोटे उद्योग के लाइसेंस