फडणवीस का दावा, अजित ने किया था हमसे संपर्क
चाचा पवार को सब पता था
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता अजित पवार के साथ अचानक सरकार बनाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने खुलासा किया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार की रजामंदी से अजित ने सरकार बनाने के लिए हमसे संपर्क किया था। उन्होंने 54 विधायकों के समर्थन की भी बात कही थी और कई से बात भी कराई थी। साथ ही भाजपा नेता ने स्वीकार किया कि हमारा यह दांव उल्टा पड़ गया। एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने कहा था कि हम शिवसेना और कांग्रेस साथ तीन पार्टियों की सरकार नहीं चला सकते हैं। इसलिए हमें मिलकर सरकार बनानी चाहिए। अजित ने यह भी कहा था कि शरद पवार से सरकार बनाने को लेकर पूरी बात हो गई है और उनकी इजाजत है। भाजपा नेता ने दावा किया कि अजित ने एनसीपी के कई विधायकों से उनकी बात भी कराई थी। इसी भरोसे पर हमने सरकार बनाई थी लेकिन हमारा यह कदम गलत साबित हुआ। एनसीपी प्रमुख शरद पवार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से प्रस्ताव पर उन्होंने कहा कि इस बारे में हम वक्त आने पर जवाब देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की किसी से डील नहीं करती है। अगर करती तो किसी भी पार्टी के साथ ढाई साल के फार्मूले पर राजी हो जाते और हमारी सरकार बन जाती। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के साथ रिश्तों पर उन्होंने कहा कि उनसे निजी संबंध जैसे पहले थे, वैसे ही अब भी हैं।
पवार ने दिया था समर्थन का भरोसा
फडणवीस ने यह भी कहा कि अजित पवार ने उन्हें एनीसीपी के सभी 54 विधायकों का समर्थन दिलाने का भी भरोसा दिलाया था। फडणवीस ने कहा, अजित पवार ने कुछ विधायकों से मेरी बात भी कराई थी, जिन्होंने कहा था कि वे बीजेपी संग जाना चाहते हैं। इसके अलावा उन्होंने खुद कहा था कि उन्होंने शरद पवार से भी इस संबंध में बात कर ली है। उन्होंने कहा, अजित पवार ने हमसे संपर्क किया और कहा कि एनसीपी कांग्रेस के साथ नहीं जाना चाहती। तीन पार्टियों की सरकार को नहीं चलाया जा सकता। हम स्थिर सरकार के लिए बीजेपी के साथ जाने को तैयार हैं।
एक दिन में नहीं हुआ था ये सब
उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि इस तरह के घटनाक्रम एक दिन में सामने नहीं आता है। फडणवीस ने कहा, ऐसा एक दिन में नहीं होता है। कुछ प्राथमिक स्तर की बातचीत जरूर हुई होगी। फडणवीस ने स्वीकार किया कि उनका यह कदम उलटा पड़ा गया। हालांकि उन्होंने कहा कि इसे लेकर पूरा घटनाक्रम और पर्दे के पीछे की कहानी अगले कुछ दिनों में सामने आएगी।
23 नवंबर की सुबह ली थी शपथ
ध्यान रहे कि 23 नवंबर को सुबह करीब 8 बजे गवर्नर हाउस में जाकर देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री जबकि अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। हालांकि, दोनों को तीन दिन के बाद ही पद से इस्तीफा देना पड़ गया था क्योंकि एनसीपी चीफ शरद पवार ने खुद मोर्चा संभालते हुए नई सरकार में उनकी पार्टी के शामिल नहीं होने की जानकारी दी। साथ ही, एनसीपी ने शिवसेना और कांग्रेस के साथ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित न होता देख देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाई।
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