चुनावी बांड से मालामाल हुए 25 दल
कुल आय का 50 फीसदी चंदा वसूला, भाजपा-कांग्रेस ने नहीं दिया ब्योरा
देश की तीन राष्ट्रीय और 22 क्षेत्रीय दलों ने अपना 50 फीसदी चंदा चुनावी बांड के जरिये वसूला है। इन पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए ब्योरे के आधार पर एडीआर रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन 25 दलों ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान कुल 1163.17 करोड़ रुपए का चंदा वसूला जिसमें से 593.6 करोड़ रुपये चुनावी बांड से आया। एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक ब्योरा देने वाले राष्ट्रीय दलों में बसपा, तृणमूल कांग्रेस और बीजद शामिल हैं। भाजपा, कांग्रेस समेत 35 पार्टियों ने अब तक अपनी आय का ब्योरा चुनाव आयोग को नहीं सौंपा है। इनमें पांच राष्ट्रीय और 30 क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ब्योरा देने वाली 25 पार्टियों ने 893.6 करोड़ रुपये यानी 76.82 फीसदी स्वैच्छिक योगदान, दान और चुनावी बांड के माध्यम से एकत्र किया है। जबकि अन्य दान में 305.53 करोड़ रुपए यानी 25 दलों की कुल आय के 26 फीसदी से अधिक राशि प्राप्त की। तीन राष्ट्रीय दलों में केवल तृणमूल कांग्रेस ने चुनावी बांड के माध्यम से मिले दान का खुलासा किया है। पार्टी को 97.28 करोड़ की राशि मिली है। एडीआर ने कहा, चुनावी चंदे में चुनावी बांड वर्तमान समय में सबसे अधिक लोकप्रिय हो रहा है। गोपनीयता के कारण इसे काफी पसंद किया जा रहा है।
किसकी कितनी कमाई
आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक आय 249.31 करोड़ रुपए ओडिशा के बीजू जनता दली की है। इसके बाद 192.65 करोड़ रुपए के साथ तृणमूल कांग्रेस दूसरे और 188.7 करोड़ रुपए के साथ टीआरएस तीसरे नंबर पर है।
नेशन लीगल
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