भारत एक और न्यूक्लियर अटैक सबमरीन रूस से लीज पर लेगा। तीन अरब डॉलर के इस सौदे पर इसी हफ्ते दस्तखत किए जा सकते हैं। इस सबमरीन को भारत की जरूरतों के मुताबिक बदला जाएगा। इसमें भारत में बनाई गई संचार प्रणाली और सेंसर लगाए जाएंगे। इन अकुला क्लास सबमरीन को चक्र-3 नाम दिया गया है। इससे पहले इसी तरह की दो सबमरीन भारत को रूस से मिली थीं। पिछले साल एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम के लिए रूस से 5.5 अरब के कॉन्ट्रैक्ट के बाद यह रूस के साथ सबसे बड़ी डील होगी। दुश्मन की नजरों से छिपने और प्रहार करने की क्षमता के मामले में अकुला क्लास सबमरीन से आगे केवल अमेरिकी परमाणु पनडुब्बियां ही हैं। जानकारी के मुताबिक इस सबमरीन लीज के लिए इंटर-गवर्नमेंटल एग्रीमेंट पर 7 मार्च को दस्तखत किए जा सकते हैं और इस पनडुब्बी को साल 2025 तक तैयार कर लिया जाएगा। इसे रूस के शिपयार्ड में बनाया जाएगा, जहां पुरानी पनडुब्बियों को नई साज-सज्जा दी जाती है। चक्र-3 कम से कम 10 साल तक सेवा में रहेगी और यह चक्र-2 की जगह लेगी, जिसे इन्हीं शर्तों के साथ 2012 में हासिल किया गया था। माना जा रहा है कि चक्र-3 की 2022 में समाप्त होने वाली लीज की अवधि पांच साल बढ़ाई जा सकती है। तब तक नई पनडुब्बी तैयार हो जाएगी और उसका परीक्षण कर लिया जाएगा।