केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक चुनने के लिए शुक्रवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में प्रस्तावित नामों को लेकर समिति के सदस्य कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के एतराज के बावजूद केंद्र सरकार जल्द ही जांच एजेंसी के अगले प्रमुख के नाम की घोषणा कर सकता है।
समझा जाता है कि तीन सदस्यीय चयन समिति की दूसरी बैठक के दौरान सरकार ने ऐसे कुछ अधिकारियों के नाम सामने रखे, जिन्हें सीबीआई निदेशक पद पर नियुक्ति के योग्य माना गया है। उन्होंने बताया हालांकि इन नामों पर खड़गे ने आपत्ति जताई। मल्लिकार्जुन खड़गे उस तीन सदस्यीय समिति का हिस्सा हैं, जिसे सीबीआई प्रमुख के नाम का निर्णय करना है।
समझा जाता है कि पद के लिए 1984 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी जावेद अहमद, रजनी कांत मिश्रा, एस एस देसवाल का नाम दौड़ में सबसे आगे है। उत्तरप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी अहमद वर्तमान में राष्ट्रीय अपराधशास्त्र एवं विधि विज्ञान संस्थान के प्रमुख हैं। अहमद के ही कैडर के तथा सहपाठी मिश्रा सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख हैं। हरियाणा कैडर के आईपीएस देसवाल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक हैं।
चयन समिति की बैठक का ब्यौरा दिए बिना एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान कोई फैसला नहीं हो पाया। इससे पहले दिन में, उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह अंतरिम सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के ‘खिलाफ’ नहीं है, लेकिन केन्द्र को ‘तत्काल’ केन्द्रीय जांच ब्यूरो के नियमित निदेशक की नियुक्ति करनी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई निदेशक का पद संवेदनशील है और लंबे समय तक इस पद पर अंतरिम निदेशक को रखना अच्छी बात नहीं है। पीठ ने इस टिप्पणी के साथ ही सरकार से जानना चाहा कि अभी तक इस पद पर नियुक्ति क्यों नहीं की गयी। आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से सीबीआई प्रमुख का पद 10 जनवरी से ही खाली है।
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सरकार जल्द कर सकती है सीबीआई प्रमुख की घोषणा -अब तक नियुक्ति नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकारा