मधुमेह से ग्रस्त औरतों के गर्भस्थ शिशुओं में एएसडी की संभावना अधिक
मधुमेह से ग्रस्त औरतों के गर्भस्थ शिशुओं में आटिज्म स्पेक्ट्रम डिसॉर्डर (एएसडी) की संभावना बढ़ जाती है। यह बात एक शोध में सामने आई है। इसमें बताया गया कि एएसडी मानसिक विकास से संबंधित विकार है, जिसमें व्यक्ति को सामाजिक संवाद स्थापित करने में समस्या आती है और वह आत्मकेंद्रित बन जाता है। इसके बारे में अमेरिका की हेल्थकेयर कंपनी कैसेर परमानेंट के एनी एच सियांग समेत इस शोध में शामिल शोधार्थियों ने बताया कि यह खतरा टाइप-1 और टाइप-2 के विकार और गभार्वस्था के दौरान मधुमेह से पीड़ित होने से संबंधित है। वहीं शोध के नतीजों में पाया गया कि एएसडी का खतरा मधुमेह रहित महिलाओं के बच्चों की तुलना में उन गर्भवती महिलाओं के बच्चों में ज्यादा होता है, जिनमें 26 सप्ताह के गर्भ के दौरान मधुमेह की शिकायत पाई जाती है। इसके साथ ही शियांग ने कहा कि मां में मधुमेह की गंभीरता पीड़ित महिला के बच्चों में ऑटिज्म की शिकायत से जुड़ी होती है। बता दें कि इस शोध में 4,19,425 बच्चों को शामिल किया गया, जिनका जन्म 28 से 44 सप्ताह के भीतर हुआ था। हालांकि यह शोध 1995 से लेकर 2012 के दौरान किया गया।
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मधुमेह से ग्रस्त औरतों के गर्भस्थ शिशुओं में एएसडी की संभावना अधिक