उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद मायवाती एक बार फिर ब्राह्मण कार्ड आजमाने की कवायद में है। आम चुनाव 2019 के लिए बसपा सुप्रीमो ने अभी तक जितने भी लोकसभा प्रभारी घोषित किए हैं, उनमें सबसे बड़ी तादाद ब्राह्मण समुदाय के नेताओं की हैं। बसपा में माना जाता है कि जिन्हें लोकसभा प्रभारी बनाया जाता है, वही उम्मीदवार होते हैं। बसपा के लिए पश्चिम यूपी की तुलना में पूर्वी उत्तर प्रदेश थोड़ा कमजोर माना जाता है। ऐसे में मायावती ने बड़ा दांव चला है। सपा सुप्रीमो ने रविवार को उत्तर प्रदेश में 18 प्रभारियों के नाम घोषित किए हैं। हालांकि इनमें से कई नामों का ऐलान पहले ही किया जा चुका है। बसपा ने ब्राह्मण कार्ड के रूप में भदोही से रंगनाथ मिश्रा, सीतापुर से नकुल दुबे, फतेहपुर सीकरी से सीमा उपाध्याय, घोसी से अजय राय, प्रतापगढ़ से अशोक तिवारी और खलीलाबाद से कुशल तिवारी के नाम लगभग तय माना जा रहे हैं। पूर्वांचल ब्राह्मण को मजबूत गढ़ माना जाता है। यही वजह है कि बसपा पूर्वी उत्तर प्रदेश से 6 ब्राह्मण चेहरे उतारने का मन बना चुकी है। दरअसल सीएम योगी राजपूत समुदाय से आते हैं। हालांकि कांग्रेस भी अपना पूरा दम-खम पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगा रखा है। कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को पूर्वांचल की कमान सौंपी गई है। ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच ब्राह्मण वोटों को अपने पाले में लाने कोशिश तेज हो गई है।