चल रहे हैं हजारों मौत के कारखाने, नोटिस तक नहीं देती एमसीडी
फिल्मिस्तान अनाज मंडी के रिहायशी इलाके में चल रही जिस फैक्ट्री में आग से 43 लोगों की जान गई है, उसके मालिक के पास फैक्ट्री चलाने का लाइसेंस ही नहीं था। बिना लाइसेंस ही इस मकान में दशकों से फैक्ट्रियां चल रही थीं। एमसीडी ने कभी इन्हें नोटिस तक जारी नहीं किया। प्रदूषण की समस्या बढऩे के बाद जब कोर्ट ने फैक्ट्रियों पर सख्ती के आदेश दिए, तब नॉर्थ एमसीडी के फैक्ट्री व लाइसेंसिंग विभाग ने महीने भर पहले मालिक को नोटिस दिया था। इसके बाद कभी किसी ने यह नहीं देखा कि फैक्ट्री बंद हुई या नहीं। अनाज मंडी में यह इकलौती फैक्ट्री नहीं थी, जो नियमों को ताक पर रखकर चल रही थी। बल्कि यहां 99 प्रतिशत मकानों में बिना लाइसेंस के छोटी-छोटी हजारों फैक्ट्रियां चल रही हैं। 7 महीने पहले भी यहां आग की घटना हुई थी। इसके पहले यहां 2014 में भयानक आग लगी थी, जिसमें 10-15 लोग मरे गए थे।
एक फ्लोर पर 10-10 कमरे, हर कमरे में फैक्ट्री
दिल्ली की जिस फैक्ट्री में आग लगी थी। उसके प्रत्येक फ्लोर पर 10-10 कमरे बने हैं। हर कमरे में अलग-अलग फैक्ट्रियां चल रहीं थीं। किसी में स्कूल बैग, किसी में प्लास्टिक की टोपी तो किसी में प्लास्टिक के खिलौने बनाने का काम होता था। रिहायशी एरिया में फैक्ट्री चलाई ही नहीं जा सकती। इसके बाद भी इस एरिया में हजारों फैक्ट्रियां एक साथ कैसे खुल गईं, यह किसी को पता नहीं है। लोगों का कहना है कि एमसीडी को यहां फैक्ट्री चलने के बारे में पूरी जानकारी थी।
एमसीडी ने नहीं जारी किया कोई भी नोटिस
उन्हें यह भी पता था कि इतने घने एरिया में फैक्ट्री चलाना खतरे से खाली नहीं है, फिर भी एमसीडी के किसी अधिकारी ने कभी किसी फैक्ट्री मालिक को नोटिस तक जारी नहीं किया। जो लोग फैक्ट्री चला रहे हैं, उनमें से मुश्किल से एक या दो प्रतिशत के पास ही लाइसेंस हो सकते हैं। बाकी 99 प्रतिशत फैक्ट्री यहां बिना लाइसेंस के ही चलाई जा रही हैं। इस मामले में स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन जय प्रकाश का कहना है कि जिस फैक्ट्री में आग लगी थी, उसके मालिक के पास लाइसेंस नहीं था। बिना लाइसेंस ही वह कई साल से फैक्ट्री चला रहा था। प्रदूषण की समस्या बढऩे पर करीब एक महीने पहले उसे फैक्ट्री बंद करने के लिए एमसीडी ने नोटिस दिया था।
रीजनल नार्थ
चल रहे हैं हजारों मौत के कारखाने, नोटिस तक नहीं देती एमसीडी