अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू, राजू रामचंद्रन रख रहे हैं दलील
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने सुनवाई शुरू कर दी है। जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ में जस्टिस एसके कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैजल की ओर से वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने बहस शुरू की। राजू रामचंद्रन ने कहा कि अनुच्छेद 356 की शक्तियों के संबंध में राष्ट्रपति का आदेश 272, 273 असंवैधानिक हैं। अनुच्छेद 370 को बिना राज्य विधानमंडल के विचार के हटाना संघीय विधान के सिद्धांतों का उल्लंघन है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 3 का उल्लंघन करता है।
रामचंद्रन ने कहा कि अनुच्छेद 370 में कोई भी बदलाव करने से पहले जम्मू-कश्मीर की विधानसभा से अनुमित लेने की जरूरत होती। यानी किसी बदलाव से पहले वहां के लोगों की अनुमति ली जानी चाहिए। संवैधानिक व्यवस्था को बदलने का प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर विधानसभा के माध्यम से लोगों पर छोड़ना चाहिए। इस तरह व्यवस्था को बदलने के लिए संसद की कोई भूमिका नहीं होती है। रामचंद्रन ने कोर्ट से कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के कहने पर ही बदलाव हो सकते हैं। फिर केंद्रीय सरकार अधिसूचना जारी करने के लिए कार्यकारी शक्ति का उपयोग कर सकती है। लेकिन इसके अलावा संसद की कोई भूमिका नहीं है।
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