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 महाराष्ट्र:शपथ लेने के बाद भी उद्धव के मंत्री 'बेरोजगार', नहीं मिला कोई काम

 महाराष्ट्र:शपथ लेने के बाद भी उद्धव के मंत्री 'बेरोजगार', नहीं मिला कोई काम

 महाराष्ट्र:शपथ लेने के बाद भी उद्धव के मंत्री 'बेरोजगार', नहीं मिला कोई काम
 महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के बाद बनी उद्धव ठाकरे की सरकार बने हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन अभी तक उनके छह मंत्रियों को काम नहीं दिया गया है। दरअसल उद्धव के 6 मंत्रियों को उनके पसंद का कार्यालय तो दे दिया गया लेकिन अब तक उन्हें विभाग नहीं दिए गए हैं। इसकारण उन्हें यह समझ नहीं आ रहा कि वे इन नए कार्यालय में आखिर क्या करें। मंत्रियों ने कहा कि कार्यालय मिलने से क्या होगा जब तक उन्हें विभाग नहीं मिलेगा तब तक कुछ नहीं कर सकते। उद्धव ठाकरे ने 28 नंवबर को बड़े तामझाम के साथ शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। उनके साथ सात लोगों ने पद व गोपनीयता की शपथ ली। लेकिन शपथ लेने के 12 दिन बाद भी इन मंत्रियों को अभी विभाग नहीं बांटे गए हैं। उद्धव ठाकरे अलग-अलग विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे हैं, लेकिन उनके साथ शपथ लेने वाले शिवसेना के एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, एनसीपी के जयंत पाटील, छगन भुजबल, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट और नितिन राउत को अब तक कोई विभाग नहीं दिया गया। विभाग नहीं मिलने के कारण मंत्रालय में इन मंत्रियों को बेरोजगार मंत्री कहा जा रहा है। विभाग नहीं मिलने के कारण कई मंत्री अपने ही कामों में व्यस्त हैं।
कांग्रेस के बालासाहेब थोराट ने विभाग न मिलने पर कहा कि अब सरकार 5 साल चलनी है,तब विभागों के बंटवारे में वक्त लगेगा ही। उन्होंने कहा कि हमें जैसे ही विभाग मिल जाएंगे तुरंत कामकाज शुरू हो जाएगा। वहीं अजित पवार के उपमुख्यमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह एनसीपी का अंदरूनी मामला है। महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू हो रहा है। इसकारण सत्र शुरू होने से पहले शपथ लेने वाले 6 कैबिनेट मंत्रियों को विभाग देना पड़ेगा क्योंकि सत्र के दौरान सदन में विधायकों के प्रश्नों का उत्तर कौन देगा‌? माना जा रहा है कि सत्र के शुरू होने से पहले ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और विभागों का बंटवारा भी। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रियों को विभाग नहीं देने के पीछे एनसीपी और कांग्रेस में आपसी खींचतान को वजह बताया जा रहा है। वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसे मंत्री बनाया जाए? इसी वजह से ठाकरे चाहकर भी अपने मंत्रियों को विभाग नहीं दे रहे हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली से हरी झंडी मिलने के बाद शाम तक विभागों का बंटवारा हो सकता है।

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